आपको बता दें कि प्रियंका समेत 12 राज्यसभा सदस्यों को अनियंत्रित व्यवहार के कारण हाल ही में सभापति ने चालू सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।
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शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को संसद टीवी से इस्तीफ़ा दे दिया। यह कदम उनके द्वारा राज्यसभा से निलंबन के विरोध में उठाया गया। आपको बता दें कि प्रियंका समेत 12 राज्यसभा सदस्यों को अनियंत्रित व्यवहार के कारण हाल ही में सभापति ने चालू सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी संसद टीवी के शो ‘मेरी कहानी’ के एंकर के तौर पर भी काम कर रही थीं। 5 दिसंबर को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा ‘मेरे मनमाने निलंबन से स्थापित नियमों और संसदीय मानदंडों का पूरी तरह से हनन हुआ है। यह कदम मेरी आवाज को दबाने के लिए उठाया गया है। जब संविधान की मेरी प्राथमिक शपथ को पूरा करने से वंचित किया जा रहा है तो ऐसे में संसद टीवी में सेवाएं देने के लिए तैयार नहीं हूं।’
आपको बता दें कि अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में सभापति नायडू के द्वारा अमर्यादित व्यवहार करने के लिए विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इनमें से छह कांग्रेस के, दो-दो शिवसेना व तृणमूल के और माकपा व भाकपा के एक-एक सदस्य शामिल हैं। पिछले सोमवार को यह कार्रवाई की गई थी। इन सभी सांसदों को सभापति के द्वारा पूरे चालू शीत सत्र के लिए निलंबित किया गया। विपक्ष ने इस निलंबन को उच्च सदन के नियमों व प्रक्रिया के खिलाफ और अलोकतांत्रिक बताया है।
सभापति नायडू को लिखे पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि, ‘यह निलंबन मेरे संसदीय ट्रैक रिकॉर्ड को खराब करने के लिए किया गया है।’ ‘यह कदम महिला सांसदों को अपनी यात्रा साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के मेरे योगदान का अपमान करने के लिए भी उठाया गया है, जबकि यह पहल मैंने अपने कर्तव्यों से परे जाकर की। मैं इसे अन्याय मानती हूं, लेकिन सभापति की नजर में यह वैध है।’