मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फैसला लिया है कि राज्य के 52 लाख उपभोक्ता, जिनका बिजली का कनेक्शन 2 किलोवाट तक है, उनके 300 यूनिट तक का बिजली का बिल माफ किया जाएगा।
पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस ने बिजली बिल माफ कर आम आदमी पार्टी के गारंटी मुद्दे को छीन लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फैसला लिया है कि राज्य के 52 लाख उपभोक्ता, जिनका बिजली का कनेक्शन 2 किलोवाट तक है, उनके 300 यूनिट तक का बिजली का बिल माफ किया जाएगा। सरकार पर इस फैसले से सरकार पर 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इतना ही नहीं बिजली बिल नहीं भर पाने से जिन उपभोक्ताओं के मीटर कट चुके हैं, उनके बिजली मीटर भी मुफ्त में लगाए जायेंगे। पंजाब सरकार अब राज्य के लोगों को सस्ती बिजली देने के मद्देनजर भी फैसला ले चुकी है। मुख्यमंत्री के अनुसार, शीघ्र ही इन फैसलों की घोषणा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर की जाएगी।
मुफ्त बिजली पर राजनीति तब से ही शुरू हो गई थी जब आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में 300 यूनिट तक बिजली बिल फ्री करने की घोषणा की थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने 400 यूनिट तक फ्री बिजली देने का चुनावी वादा कर दिया। इसके बाद से ही कांग्रेस में फ्री बिजली को लेकर हलचल थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने से इनकार करते हुए कहा था कि पंजाब में एससी, बीसी, स्वतंत्रता सेनानी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग आदि को पहले ही 200 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है। ऐसे में अगर राज्य के सभी लोगों को फ्री बिजली दी जाएगी तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसे में अब विधानसभा चुनावों को देखते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पूर्व मुख्यमंत्री के इस निर्णय को बदलने जा रहे हैं।