बीजेपी के IT सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि- "सिखों के खून-खराबे को सही ठहराते हुए मॉब लिंचिंग के जनक राजीव गांधी से मिलें।
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नई दिल्ली, 21 दिसंबर। 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। दरअसल हाल ही में पंजाब में हुई मॉब लिंचिंग की घटना के बाद से बीजेपी-कांग्रेस और अकाली दल आमने सामने हैं।
2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।
Before 2014, the word ‘lynching’ was practically unheard of. #ThankYouModiJi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 21, 2021
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पंजाब में मॉब लिंचिंग में 2 लोगों की हत्या
पंजाब में सोमवार को धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया था। कपूरथला में लोगों की भीड़ ने निशान साहिब की बेअदबी का आरोप लगाते हुए एक युवक की बेरहमी से हत्या कर डाली। ये घटना तब हुई जब पुलिस आरोपी को हिरासत में थाने ले जा रही थी। वहीं इससे पहले शनिवार शाम को अमृतसर में गोल्डन टेंपल में बेअदबी करने की कोशिश में आरोपी युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
बीजेपी का राहुल गांधी के लिंचिंग वाले बयान पर पलटवार
राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के IT सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि- “सिखों के खून-खराबे को सही ठहराते हुए मॉब लिंचिंग के जनक राजीव गांधी से मिलें। कांग्रेस सड़कों पर उतरी, ‘खून का बदला खून से लेंगे’ जैसे नारे लगाए गए। महिलाओं के साथ बलात्कार किया, सिख पुरुषों के गले में जलते टायर लपेटे, नालों में फेंके जले हुए शवों को जानवरों ने खाया।” मालवीय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का एक वीडियो भी शेयर किया।
Meet Rajiv Gandhi, father of mob lynching, justifying blood curdling genocide of Sikhs. Congress took to streets, raised slogans like ‘khoon ka badla khoon se lenge', raped women, wrapped burning tyres around necks of Sikh men while dogs gorged on charred bodies dumped in drains. https://t.co/LFAoAgIGVl pic.twitter.com/ntNovHNF3W
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 21, 2021
वहीं एक और ट्वीट में अमित मालवीय ने कहा कि- अहमदाबाद (1969), जलगांव (1970), मुरादाबाद (1980), नेल्ली (1983), भिवंडी (1984), दिल्ली (1984), अहमदाबाद (1985), भागलपुर (1989), हैदराबाद (1990), कानपुर (1992) और मुंबई (1993)। ये एक छोटी सी लिस्ट है, जिसमें नेहरू-गांधी परिवार की निगरानी में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
Ahemdabad (1969), Jalgaon (1970), Moradabad (1980), Nellie (1983), Bhiwandi (1984), Delhi (1984), Ahemdabad (1985), Bhagalpur (1989), Hyderabad (1990), Kanpur (1992), Mumbai (1993)…
This is just a small list in which more than 100 people died under Nehru-Gandhi parivar’s watch. https://t.co/LFAoAgIGVl
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— Amit Malviya (@amitmalviya) December 21, 2021
वहीं पंजाब में अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी राहुल गांधी के लिंचिंग वाले बयान पर कहा कि लिंचिंग के बारे में बात करने के लिए राहुल गांधी की हिम्मत को देखकर हैरान हूं। वो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसने ना केवल श्री हरमंदिर साहिब में टैंक लुटाए, बल्कि 1984 में हजारों निर्दोष सिखों की हत्या भी करवा डाली। वो अभी भी टायलर और माकन की तरह उन लिंचिंग के दोषियों को पुरस्कृत कर रहे हैं।
Surprised to see @RahulGandhi’s audacity to talk about lynchings. He belongs to a family that not only rolled tanks into Sri Harmandir Sahib but also lynched thousands of innocent Sikhs in 1984. He is still rewarding those guilty of organising those lynchings,like Tyler & Maken. pic.twitter.com/roeGRlGltr
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 21, 2021
गौरतलब है कि कांग्रेस शासित झारखंड सरकार मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। ‘लिंचिंग रोकथाम’ विधेयक का मसौदा भी तैयार कर लिया गया है। वहीं विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और राजस्थान की विधानसभा पहले ही इसी तरह का विधेयक पारित कर चुकी हैं।
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