RBI पहले इस नियम को 1 जनवरी, 2022 से लागू करने की योजना बना रहा था। जिसे अब 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अब ये व्यवस्था 30 जून, 2022 के बाद लागू की जाएगी।
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नई दिल्ली, 23 दिसंबर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए टोकन सिस्टम लागू करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 30 जून, 2022 कर दिया है। ये नियम पहले 1 जनवरी, 2022 से लागू होना था। RBI ने ट्वीट कर ये जानकारी दी।
Restriction on storage of actual card data [i.e. Card-on-File (CoF)]https://t.co/14RFkpDpZl
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 23, 2021
टोकन सिस्टम पर 6 महीने के लिए रोक बढ़ी
RBI पहले इस नियम को 1 जनवरी, 2022 से लागू करने की योजना बना रहा था। जिसे अब 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अब ये व्यवस्था 30 जून, 2022 के बाद लागू की जाएगी। रिजर्व बैंक ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को ज्यादा सुरक्षित बनाने के मकसद से कार्ड टोकनाइजेशन का कदम उठाया है।
थर्ड पार्टी ऐप से पूरी डिटेल को साझा नहीं करना होगा
बतादें कि टोकनाइजेशन सिस्टम के तहत क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट के दौरान थर्ड पार्टी ऐप से पूरी डिटेल को साझा नहीं करना होगा। अब आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ब्योरा साझा किए बिना ही दिए जाने वाले टोकन नंबर की मदद से अपना ऑनलाइन पेमेंट का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।
क्या है टोकनाइजेशन सिस्टम?
रिजर्व बैंक ने वीजा, मास्टर कार्ड और रुपे कार्ड को जारी करने वाले बैंक या कंपनी की तरफ से एक टोकन जारी करने की मंजूरी दी है, जिसे टोकनाइजेशन कहा जा रहा है। कार्ड टोकनाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्ड की जानकारियों को एक यूनीक कोड या टोकन के जरिए रिप्लेस किया जाएगा। इसके जरिए बिना जरूरी जानकारी को साझा किए ही ट्रांजेक्शन करने की इजाजत मिलेगी।
गौरतलब है कि RBI ने अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो समेत सभी कंपनियों से कहा है कि वो ग्राहकों का पहले से स्टोर डेटा को डिलीट कर दें, ताकि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सिक्योरिटी को बढ़ाया जा सके। इस तरह ग्राहकों के कार्ड की वास्तविक जानकारियां मर्चेंट के पास स्टोर नहीं होंगी, जिससे डेटा चोरी होने और फ्रॉड की घटनाओं पर लगाम लगेगी।
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