RBI के मुताबिक मुख्य मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उच्चस्तर पर रहेगी। हालांकि उसके बाद इसमें नरमी आएगी।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर। आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर फिलहाल कोई राहत नहीं मिलती दिख रही। खाद्य उत्पाद महंगा होने से खुदरा महंगाई दर नवंबर महीने में मामूली बढ़त के साथ 4.91 फीसदी पर पहुंची थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने सोमवार को जारी आंकड़ों में ये जानकारी दी है।
नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 4.91 फीसदी रही
NSO के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के नवंबर महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर 4.91 फीसदी रही, जो इस साल अक्टूबर में 4.48 फीसदी रही थी। एक साल पहले नवंबर, 2020 में ये 6.93 फीसदी थी। आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में खाद्य महंगाई दर 1.87 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने में 0.85 फीसदी थी।
वित्तवर्ष 2021-22 में महंगाई दर 5.3% रहने की संभावना
हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में गवर्नर शक्तिकांत दास ने CPI पर आधारित महंगाई दर चालू वित्त की तीसरी तिमाही में 5.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। दास के मुताबिक कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2021-22 में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने की संभावना है।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा तय करते वक्त मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है। उसका मानना है कि महंगाई दर का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में ऊंचा रहेगा, क्योंकि तुलनात्मक आधार का प्रभाव अब प्रतिकूल हो गया है। RBI के मुताबिक मुख्य मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उच्चस्तर पर रहेगी। हालांकि उसके बाद इसमें नरमी आएगी।
और पढ़ें:
Stock Market: गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 503 अंक लुढ़का