S-400 Air Defence Missile System : पाकिस्तान और चीन के हमले के समय भारतीय रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए पंजाब में तैनात की गई रूस से आई S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पहली खेप।
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नई दिल्ली, 21 दिसंबर। रूस की S-400 Air Defence Missile System की पहली खेप भारत आ चुकी है। दुश्मनों के हवाई हमलों को रोकने के लिए इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को पंजाब में तैनात किया गया है, जहां से चीन और पाकितान के हमलों का जवाब दिया जा सकेगा। सूत्रों के मुताबिक पंजाब की सीमा पर इस अत्याधुनिक उपकरण को तैनात कर सीमा सुरक्षा में बढ़ोतरी की गई है।
रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि इस मिसाइल सिस्टम के सभी हिस्से समुद्री और हवाई रास्ते से भारत पहुंचे हैं। इनकी पहली खेप (India deploys first S-40) में आए सभी पार्ट्स को एक जगह पर एसेंबल कर सेना के द्वारा तय सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। इस मिसाइल सिस्टम को चलाने वाली पहली स्क्वॉडन देश को साल के अंत तक मिल जाएगी। इसके बाद पूर्वी मोर्चों पर इनकी तैनाती की जाएगी।
इस सिस्टम की मिसाइलें हवा में ही दुश्मनों की मिसाइलों और हवाई जहाजों को मार गिराने की क्षमता रखती है। इससे भारत की मारक क्षमता में इजाफा हुआ है। S-400 में हाइपर सोनिक और सुपरसोनिक मिसाइलें लगाई जाती हैं, जो अपने लक्ष्य को भेदने का काम करती है। इस एयर डिफेंस सिस्टम को दुनिया के अत्याधुनिक हथियारों की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इस डिफेंस सिस्टम से दुश्मनों के ड्रोन, मिसाइलों और छिपे हुए विमानों को भी मारा जा सकता है।
इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को यूहीं दुनिया के अत्याधुनिक हथियारों की लिस्ट में शामिल नहीं किया जाता। इसकी खूबियां ही इसके काम को दर्शाती है। इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से 3 सेकंड के अंदर दो मिसाइलें दागी जा सकती हैं। इससे निकलने वाली मिसाइलों की रफ्तार पांच किलोमीटर प्रति सेकंड होती है। ये मिसाइलें 35 किलोमीटर ऊंचाई तक वार कर सकती है।
भारत ने S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए अक्टूबर 2019 में समझौता किया था। इस समझौते के तहत देश ने 5.43 अरब डॉलर (करीब चालीस हजार करोड़) में पांच एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को खरीदा है।