भारत का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान ने ड्रोन हमले में की नागरिक विमानों की आड़ लेने की कोशिश
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर और खतरनाक खुलासा किया है। खुफिया एजेंसियों ने सबूतों के साथ दावा किया है कि पाकिस्तान ने हाल ही में भारत पर किए गए एक असफल ड्रोन हमले में अपने नागरिक विमानों का ‘एरियल शील्ड’ की तरह उपयोग किया। इसका मकसद था भारतीय रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देना ताकि ड्रोन को सफलतापूर्वक भारतीय सीमा में भेजा जा सके।
पढ़ें :- पाकिस्तान ने 36 ठिकानों पर तुर्की ड्रोन से किया हमला, भारत की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
भारतीय अधिकारियों ने बताया कि यह ड्रोन हमले का प्रयास पंजाब और राजस्थान सीमा के पास किया गया, जहां पाकिस्तान की ओर से कई बार ड्रोन की गतिविधियां देखी गई हैं। लेकिन इस बार की रणनीति बेहद चौंकाने वाली और मानवाधिकार उल्लंघन की श्रेणी में आने वाली थी।
भारत ने पेश किए सबूत
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने रडार फुटेज, उपग्रह चित्र और एयर ट्रैफिक डेटा के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह जानकारी साझा की है। इन सबूतों से यह स्पष्ट हुआ कि ड्रोन उड़ान पाकिस्तान के दो नागरिक विमानों की फ्लाइट पाथ के बीच से की गई, ताकि भारतीय वायु सेना और अन्य एजेंसियों को प्रतिक्रिया देने में दिक्कत हो।
यह रणनीति न केवल भारत के खिलाफ है, बल्कि इससे सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की जान खतरे में पड़ सकती थी। भारत अब इस मुद्दे को ICAO (International Civil Aviation Organization) और UNSC (United Nations Security Council) में उठाने की तैयारी कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन
यह हरकत शांति और हवाई सुरक्षा से जुड़े सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन है। हवाई क्षेत्र में नागरिक विमानों की सुरक्षा सर्वोपरि होती है और उसका उपयोग किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई में नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान की यह हरकत उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक संकट में डाल सकती है।
पढ़ें :- Pakistan Drone Attack: उरी सेक्टर में संघर्षविराम उल्लंघन, नागरिक इलाकों को बनाया निशाना
इस तरह के कार्यों से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अपने आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अब किसी भी हद तक जा सकता है। भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार तरीके से उठाएगा और पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
भारतीय रक्षा बल सतर्क
भारतीय वायु सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को इस घटना के बाद हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन रोधी उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी गई है और सभी संदिग्ध उड़ानों पर नजर रखी जा रही है। भारत सरकार ने यह भी कहा है कि वह देश की संप्रभुता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।
विपक्ष और रणनीतिक विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने की बात कही है। रणनीतिक विशेषज्ञों ने इस हरकत को “हवाई आतंकवाद” करार दिया और कहा कि यह एक वैश्विक खतरे का संकेत है। पाकिस्तान की इस चाल के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई देश इस तरह का दुस्साहस न करे।