राज्य सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि 2019 की तुलना में 2020 और 2021 के बीच 18 महीनों में झारखंड में बेरोजगारी एक्सचेंज में रजिस्टर्ड लोगों की संख्या छह गुना से अधिक हो गई है।
झारखण्ड : राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार का गठन हुए दो साल होने वाले हैं। दो साल पहले जब सरकार बनने वाली थी तब हेमंत सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कई तरह के वादे किये थे। दो साल के अन्दर पांच लाख झारखण्ड के युवकों को रोज़गार देना भी इनमे में एक मुख्य वादा था। अब इसी वादे को लेकर हेमंत सरकार घिरती नज़र आ रही है।
झारखण्ड में भाजपा विधायक बिरंची नारायण को एक लिखित उत्तर में, राज्य सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि 2019 की तुलना में 2020 और 2021 के बीच, 18 महीनों में झारखंड में बेरोजगारी एक्सचेंज में रजिस्टर्ड लोगों की संख्या छह गुना से अधिक हो गई है।
2019 में राज्य में 85,122 लोगों ने बेरोजगारी एक्सचेंज के साथ अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन यह संख्या पिछले 18 महीनों (जनवरी 2020 से जून 2021) में बढ़ कर करीब 5.6 लाख पहुंच गई है।
इन 18 महीनों के बीच में मार्च 2020 से कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण भी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कहा जाता है कि औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी। सरकार ने कहा कि झारखंड राज्य में नौकरियों की कमी के कारण बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हो रहा है और कई लोग महामारी के दौरान घर लौट आए।
जब भाजपा विधायक द्वारा रिक्त सरकारी पदों को भरने की योजना के बारे में पूछा गया, तो सरकार ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। राज्य सरकार ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया चल रही है और कई विभागों में रोजगार नीतियों में बदलाव किया जा रहा है। इससे जल्द ही रोजगार के अवसर बनेंगे।