BSE का सेंसेक्स 1,189.73 अंक टूटकर 55,822.01 के स्तर पर बंद हुआ। NSE का निफ्टी भी 371 अंक का गोता लगाकर 16,614.20 अंक पर बंद हुआ।
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नई दिल्ली, 20 दिसंबर। पूरी दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने से निवेशकों की चिंता भी बढ़ गई है। जिसकी वजह से वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स सोमवार को 1,190 अंक लुढ़कर 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे निवेशकों के 6.79 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
BSE और NSE में भारी गिरावट
30 शेयर्स पर आधारित BSE का सेंसेक्स 1,189.73 अंक यानी 2.09 फीसदी टूटकर 55,822.01 के स्तर पर बंद हुआ। ये इस साल 23 अगस्त के बाद सेंसेक्स का सबसे निचला स्तर है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 371 अंक यानी 2.18 फीसदी का गोता लगाकर 16,614.20 अंक पर बंद हुआ।
BSE में टाटा स्टील सबसे ज्यादा नुकसान में रही
सेंसेक्स के शेयर्स में 5.20 फीसदी की गिरावट के साथ टाटा स्टील सबसे ज्यादा नुकसान में रही। इसके अलावा SBI, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, HDFC बैंक और NTPC में भी गिरावट रही। बाजार में इस गिरावट से BSE में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.79 लाख करोड़ रुपये घटकर 2,52,57,581.05 करोड़ रुपये पर आ पहुंचा।
एशिया के बाकी बाजारों को भी नुकसान
वहीं एशिया के बाकी बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हॉन्ग कॉन्ग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी भारी नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा। कारोबारियों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली के बीच कई केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने का भी प्रतिकूल प्रभाव बाजार पर पड़ा है।
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