विलय का अहम दिनः वह 26 अक्टूबर 1947 की रात थी, जब जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने अपने खास अंगरक्षक दीवान सिंह को ऐसा आदेश दिया जिसे सुनकर एकबारगी उसे भरोसा नहीं हुआ। आदेश बहुत दृढ़तापूर्वक दिया गया था- ‘मैं सोने जा रहा हूं, कल सुबह अगर तुम्हें श्रीनगर