ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है।
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उत्तराखंड, 24 अक्टूबर। बीते दिनों उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। कई इलाकों में अभी भी राहत और बचाव का कार्य चल रहा है। 18, 19 और 20 अक्टबूर को हुई भारी बारिश के बाद कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है।
शनिवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आपदा प्रभावित 4 जिलों का दौरा कर हल्द्वानी पहुंचे थे। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है, उन क्षेत्रों का वह मुख्यमंत्री के साथ स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए सरकार तैयार है। सरकारी मशीनरी आपदा पीड़ितों तक राहत पहुंचाने का काम कर रही है। आपदा के बाद जलभराव होने से राज्य में बीमारियों का खतरा बढ़ा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपदा में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है। उनके परिजनों को सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी। इसके अलावा आपदा से पूरे राज्य में कितना नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है। दो-तीन दिन के भीतर नुकसान का सही आकलन कर लिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने 1000 टीमें बनाई
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि भारी बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव और मलबा आने की वजह से डेंगू, मलेरिया सहित अन्य संक्रमण बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में 1000 टीमें बनाई हैं, जिसके माध्यम से जलभराव वाले स्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर मारने की दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों तक स्वास्थ्य सेवा भी पहुंचाई जा रही है।