सीएम योगी ने कहा- देश पर सबसे ज्यादा समय तक राज़ करने वाली कांग्रेस ने सैकड़ों स्मारक का नामकरण नेहरू खानदान के नाम पर किया। सपा और बसपा को भी यूपी में 4-4 बार शासन का मौका मिला, लेकिन एक भी स्मारक का नामकरण सुहेलदेव के नाम पर नहीं रखा।
लखनऊ, 31 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओमप्रकाश राजभर पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सोच परिवार के विकास तक सीमित है। बाप मंत्री और एक बेटा सांसद तो दूसरा बेटा MLC बनना चाहता है। ऐसे राजनीतिक ब्लैकमेलर्स की दुकान बंद करनी होगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मुहम्मद गोरी और आक्रांता गाजी के अनुयायी वोट बैंक के भय से हिन्दू रक्षक महाराजा सुहेलदेव के नाम से डरते हैं। इनको भय है कि सुहेलदेव का स्मारक बनने के बाद लोग गाजी को भूल जाएंगे और जनता राजनीतिक ब्लैकमेलरों को कूड़े में फेंक देगी। इसी भय से वो राष्ट्र रक्षक सुहेलदेव के स्मारक का अप्रत्यक्ष रूप से विरोध कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आयोजित सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर, विधायक विजय राजभर, पूर्व सांसद बब्बन राजभर, बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप मौजूद थे।
पूर्व मंत्री और सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मेरी कैबिनेट में राजभर समाज के दो मंत्री थे। कैबिनेट की बैठक में एक मंत्री ने बहराइच में बनने जा रहे महाराजा सुहेलदेव के स्मारक प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि अनिल राजभर चाहते थे स्मारक बने। अब बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का भव्य स्मारक बन रहा है।
सीएम ने कहा कि बीजेपी सरकार ने बहराइच मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर किया है। विपक्षी दलों से पूछा जाना चाहिए कि इन दलों ने महाराजा सुहेलदेव के लिए क्या किया?, जबकि देश पर सबसे ज्यादा समय तक राज़ करने वाली कांग्रेस ने सैकड़ों स्मारक का नामकरण नेहरू खानदान के नाम पर ही किया। सपा और बसपा को भी यूपी में 4-4 बार शासन का मौका मिला, लेकिन एक भी स्मारक का नामकरण सुहेलदेव के नाम पर नहीं रखा।
सपा, बसपा और कांग्रेस खानदान तक सीमित- योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस खानदान के विकास तक सीमित हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी देश को परिवार मानते हैं। पहले विपक्षी दलों के नेताओं की हवेली बनती थी। आज गरीबों की हवेली बन रही है। पहले बिजली कैद की जाती थी, आज सबको बिजली मिल रही है। आज हर गरीब को योग्यता के हिसाब से नौकरी मिल रही है। पहले नौकरी निकलते ही एक खानदान वसूली पर निकलता था, एक जाति को नौकरी दी जाती थी। ये ही फर्क बीजेपी और बाकी दलों में है।