हरीश रावत को मिली टिकट देने की कमान, मचेगा प्रदेश कांग्रेस में घमासान ! पढ़ें पूरी खबर
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Uttarakhand Assembly Election 2022 : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री हरीश रावत की लंबे समय से चल रही नाराजगी कांग्रेस हाईकमान से दूर हो गई है। बता दें कि कांग्रेस हाईकमान से मिले आशीर्वाद के बाद हरीश रावत जोश में दिल्ली से वापस उत्तराखंड लौटे हैं। दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात के बाद हरीश रावत को अब आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट बंटवारे का सर्वे सर्वा नियुक्त कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस में मची खलबली
अब टिकटों के बंटवारे में उनके सर्वेसर्वा होने से प्रदेश कांग्रेस के अन्य गुटों में चिंताए काफी बढ़ गई हैं। बता दें कि इन दिनों प्रदेश कांग्रेस मुख्यतः तीन गुटों में बंट चुकी है। पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें हरीश रावत किसी भी कीमत पर पार्टी में देखना नहीं चाहेंगे। तीन गुटों में बंटे इन लोगों में प्रीतम सिंह गुट, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के सहयोगी तथा हरीश रावत के घोर विरोधी माने जाने वाले पूर्व विधायक रंजीत सिंह रावत के समर्थक शामिल हैं।
गुटों में बटे इन नेताओं को शायद ही मिले वरीयता
बता दें कि अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि, पार्टी में गुटों में बंटे इन लोगों को शायद ही आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में वरीयता दी जाए। हरीश रावत के हाथ में टिकट बंटवारे का फार्मूला आने के बाद अब प्रदेश में आगामी चुनाव के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अब हरीश रावत अपने सहयोगियों को छोड़कर विरोधियों से चुन-चुन कर बदला ले सकते हैं।
टिकट को लेकर कांग्रेस में छिड़ सकता है बड़ा अभियान
इस संदर्भ में हरीश रावत के सहयोगी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा है कि, टिकट बंटवारे में सभी गुटों का ध्यान रखा जाएगा। चुनाव में उन्हें ही पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाया जाएगा जो नेतृत्व के दिशा-निर्देशों को पूरा करते हैं। मगर जानकार कहते हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के भीतर टिकटों को लेकर बड़ा अभियान छिड़ सकता है। इसका कारण यह होगा कि हरीश रावत अपने करीबियों को ज्यादा टिकट देंगे। इससे प्रीतम गुट, स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के सहयोगी तथा हरीश विरोधियों पर गाज गिर सकती है। यह टकराव का बड़ा कारण बन सकता है।