Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. फिल्मी दुनिया में किस संगीतकार को कहा जाता है शहंशाह-ए-तरन्नुम, पद्मश्री से हैं सम्मानित

फिल्मी दुनिया में किस संगीतकार को कहा जाता है शहंशाह-ए-तरन्नुम, पद्मश्री से हैं सम्मानित

आद के इतिहास में जानें किस संगीतकार को फिल्मी दुनिया का शहंशाह-ए-तरन्नुम कहा जाता है? इस संगीतकार ने अपने करियर में 26 हजार से अधिक गाने गाए हैं।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

…ये दुनिया, ये महफिल मेरे काम की नहीं : हिंदी सिनेमा के श्रेष्ठ गायकों में शुमार और अपने चाहने वालों के बीच शहंशाह-ए-तरन्नुम का मान पाने वाले मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर के करीब कोटला सुल्तान सिंह में हुआ था।

पढ़ें :- चांद पर लहराया तिरंगाः चंद्रयान-3 की सफल लैडिंग, भारत ने रचा इतिहास, दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना  

कशिश भरी आवाज के साथ सादगी भरा जीवन जीने वाले रफी साहब बेहद संवेदनशील इंसान थे। कहते हैं कि फिल्म ‘नील कमल’ का मशहूर गाना ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ की रिकॉर्डिंग के समय रफी साहब की आंखों में बार-बार आंसू निकल पड़ते थे। दरअसल, इस गाने की रिकॉर्डिंग से चंद रोज पहले उनकी बेटी का निकाह हुआ था। इस गीत के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1940 से 1980 तक मोहम्मद रफी ने करीब 26 हजार गाने गाए। जिसमें मुख्यधारा के हिंदी गानों के साथ भजन, गजल, कव्वाली और देशभक्ति गीत शामिल हैं। 1946 के आसपास संगीतकार नौशाद ने उन्हें पहली बार फिल्म ‘आप’ में गाने का मौका दिया था।

1950 के दशक में शंकर जयकिशन, नौशाद और सचिन देव बर्मन ने रफी से कई गाने गवाए जो आगे चलकर सुपरहिट साबित हुए। 1960 में फिल्म ‘चौदहवीं का चांद’ के शीर्षक गीत के लिए उन्हें पहला फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। रफी साहब को कुल छह फिल्म फेयर पुरस्कार मिले। उन्हें पद्मश्री सम्मान भी दिया गया।

मोहम्मद रफी ने सबसे अधिक लता मंगेशकर के साथ गाने गाए। अपने दौर के तमाम बड़े फिल्म सितारों के लिए आवाज देने वाले रफी साहब ने हिंदी के साथ असमी, कोकणी, पंजाबी, उड़िया, मराठी, बांग्ला, स्पेनिश और अंग्रेजी गाने भी गाए।

पढ़ें :- INDIA VOICE KI SPECIAL REPORT ः जानिए आजादी के जश्न का इतिहास, बिस्मिल्लाह खां के शहनाई धुन से हुई थी आजादी की पहली सुबह की शुरुआत

31 जुलाई 1980 को हार्ट अटैक की वजह से रफी साहब का निधन हो गया। उनके निधन पर फिल्म अभिनेता मनोज कुमार ने कहा था- आज सुरों की मां सरस्वती भी अपने आंसू बहा रही है।

अन्य अहम घटनाएंः

1524ः यूरोप से भारत तक पहुंचने का समुद्री मार्ग तलाशने वाले पुर्तगाली खोजी नाविक वास्को डि गामा का कोच्ची (भारत) में निधन।

1880ः प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भोगराजू पट्टाभि सीतारामैया का जन्म।

1914ः सुविख्यात सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आम्टे का जन्म।

पढ़ें :- एनसीआरटी (NCERT) की किताबों से कुछ चैप्टर हटाये जाने को लेकर क्यों छिड़ा विवाद ?

1959ः फिल्म अभिनेता अनिल कपूर का जन्म।

1987ः तमिल अभिनेता और राजनेता एमजी रामचंद्रन का निधन।

1988ः मशहूर उपन्यासकार जैनेंद्र कुमार का निधन।

1997ः सुप्रसिद्ध एथलीट और टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा का जन्म।

2002ः विश्नाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियन बने।

पढ़ें :- सरदार पटेल के आग्रह पर पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बनने वाले डॉ. गोपीचंद भार्गव का आज ही के दिन हुआ था जन्म
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com