नोबेल भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र में दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा व प्रतिष्ठित पुरस्कार है।
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नई दिल्ली, 07 अक्टूबर। साहित्य के क्षेत्र में वर्ष 2021 का नोबेल पुरस्कार अब्दुलराजाक गुरनाह को उनके उपनिवेशवाद के प्रभावों और शरणार्थियों की परिस्थितियों के करुणामय चित्रण के लिए प्रदान किया गया है। आपको बता दें कि ‘रॉयर स्वीडिश अकादमी’ की ओर से गुरुवार को उनके नाम की घोषणा की गई। आपको बता दें कि बता दें कि अब्दुल रजाक तंजानिया के उपन्यासकार हैं। इसमें बताया गया कि उन्हें ‘उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच शरणार्थी के भाग्य के उनके दृढ़तापूर्ण और करुणामय चित्रण’ के लिए सम्मानित किया गया है।
परिचय
अब्दुलराजाक गुरनाह का जन्म सन 1948 में ज़ांज़ीबार (तंजानिया) में हुआ और फ़िलहाल वो यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं। उनके उपन्यासों में सबसे प्रसिद्ध हैं पैराडाइज 1994. इस उपन्यास को ”बुकर और व्हाइटब्रेड पुरस्कार” तथा ”डेजर्टन” (2005) और ”बाय द सी” (2001) जैसे पुरस्कार के लिए भी सूचीबद्ध किया गया था. वहीं इसे बुकर के लिए भी लंबे समय से सूचीबद्ध किया गया था और ”लॉस एंजिल्स टाइम्स” के लिए शॉर्टलिस्ट भी किया गया था।
गुरनाह 1968 में पहली बार एक छात्र के रूप में ब्रिटेन गए थे। वर्ष 1980 से 1982 तक, गुरनाह नाइजीरिया के ”बेएरो विश्वविद्यालय कानो” में ‘प्राध्यापक’ रहे। इसके बाद वे ”केंट विश्वविद्यालय” चले गए जहां उन्होंने वर्ष 1982 में पीएचडी की डिग्री हासिल की. फ़िलहाल अब वे अंग्रेजी विभाग के भीतर स्नातक अध्ययन के प्रोफेसर और निदेशक हैं।
The 2021 Nobel Prize in Literature is awarded to the novelist Abdulrazak Gurnah “for his uncompromising and compassionate penetration of the effects of colonialism and the fate of the refugee in the gulf between cultures and continents” pic.twitter.com/AOoprBEEbS
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— ANI (@ANI) October 7, 2021
आपको बता दें कि इससे पहले रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार ”मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट” के जर्मन वैज्ञानिक ”बेंजामिन लिस्ट” और ”प्रिंसटन विश्वविद्यालय” के ”वैज्ञानिक डेविड डब्ल्यूसी मैकमिलन” को दिये जाने की घोषणा बुधवार को की गई।
गुरनाह का जन्म 1948 में हुआ था और वह हिन्द महासागर में जांजीबार द्वीप पर पले-बढ़े हैं। 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में वह इंग्लैंड गए। उनके अबतक दस उपन्यास और कई लघु कथाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका लेखन कार्य ज्यादातर शरणार्थी के विषय के इर्द-गिर्द रहा है। साहित्य में 1901 से 2021 के बीच 114 बार नोबेल पुरस्कार दिया गया है और यह 118 साहित्यकारों को मिला है। चार बार नोबेल पुरस्कार दो लोगों को एक साथ दिया गया है। अबतक 16 महिलाएं यह पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।
नोबेल भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र में दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा व प्रतिष्ठित पुरस्कार है। सभी विधाओं में पुरस्कार विजेताओं को दिसंबर में अलफ्रेड नोबेल के निधन की वर्षगांठ पर सम्मानित किया जायेगा। इन सभी को स्वीडन के महाराज सम्मानित करेंगे। पुरस्कार के तौर पर नोबेल डिप्लोमा, एक पदक और 1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 8 करोड़) की राशि दी जायेगी।