“राहुल गांधी कोई भगवान नहीं हैं”—BJP का तीखा पलटवार
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब कोई नेता लगातार देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल उठाए, तो जवाब भी उतना ही तीखा होता है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग और सरकार पर दिए गए बयानों के बाद, भाजपा नेताओं ने करारा जवाब देते हुए कहा कि “राहुल गांधी कोई भगवान नहीं हैं जो हर बात पर उनकी आलोचना को अंतिम सत्य माना जाए।”
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BJP प्रवक्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी का राजनीतिक अनुभव भले लंबा हो, लेकिन इससे उन्हें देश की संवैधानिक संस्थाओं की आलोचना करने का अधिकार नहीं मिल जाता। गिरिराज सिंह, संबित पात्रा और अन्य भाजपा नेताओं ने राहुल पर तीखे सवाल दागते हुए कहा कि वे बार-बार विदेश जाकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह अस्वीकार्य है।
लोकतंत्र की संस्थाओं पर विश्वास जरूरी
भाजपा का कहना है कि एक लोकतंत्र में संस्थाओं का सम्मान सर्वोपरि होता है और हर नेता को यह समझना चाहिए। यदि कोई सुझाव या असहमति है, तो उसे उचित मंच पर रखा जाना चाहिए, न कि सार्वजनिक मंचों और विदेशी दौरों में देश की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया जाए।
बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता खुद को “राजवंश” समझते हैं और उन्हें लगता है कि वे जो कहें वही अंतिम सत्य है। लेकिन भारतीय लोकतंत्र में ऐसा नहीं है—यह जनता की आवाज़ से चलता है, न कि किसी परिवार की मान्यता से।
जनता तय करेगी कौन सही, कौन ग़लत
राहुल गांधी के बयानों के बाद जिस तरह BJP नेताओं ने जवाबी हमला किया है, उससे साफ है कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीति एक बार फिर तेज़ हो चुकी है। दोनों दलों के बीच जुबानी जंग अपने चरम पर है, लेकिन अंततः निर्णय जनता को ही लेना है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी के बयान युवा वर्ग को आकर्षित करने की कोशिश हैं, लेकिन भाजपा इस कोशिश को राष्ट्रविरोधी बयानबाज़ी करार दे रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी को पहले अपने घर की स्थिति सुधारनी चाहिए, फिर देश को सलाह देनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर भी छिड़ी बहस
राहुल गांधी के बयान पर सोशल मीडिया में भी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग उनके समर्थन में हैं तो कुछ भाजपा के जवाब को सही ठहरा रहे हैं। #RahulGandhi #BJPvsCongress जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं, जो यह दिखाते हैं कि इस मुद्दे ने जनमानस में गहरी पैठ बना ली है।
BJP के अनुसार, अगर राहुल गांधी को लगता है कि वे देश के लिए सबसे उपयुक्त नेता हैं, तो उन्हें सिर्फ आलोचना के बजाय सकारात्मक विज़न और नीति पर चर्चा करनी चाहिए। वरना सिर्फ विरोध करना उन्हें मजबूत नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से कमजोर बनाएगा।