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  3. वक़्फ़ कानून संशोधन पर असदुद्दीन ओवैसी का सख़्त ऐतराज़: “किसी भी हाल में नामंज़ूर, यह मुसलमानों की अमानत पर चोट”

वक़्फ़ कानून संशोधन पर असदुद्दीन ओवैसी का सख़्त ऐतराज़: “किसी भी हाल में नामंज़ूर, यह मुसलमानों की अमानत पर चोट”

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  1. धारा‑52A: वक़्फ़ संपत्ति की “राष्ट्रीय रुचि” में अधिग्रहण का प्रावधान—ओवैसी बोले “राष्ट्रीय रुचि के नाम पर अल्पसंख्यक धरोहर की नीलामी नहीं होने देंगे।”

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  2. राज्य वक़्फ़ बोर्ड शक्तियाँ घटेंगी: निर्णय‑सत्ता कलेक्टर/SDM को—“यह संघीय ढाँचे व धार्मिक आज़ादी को कमजोर करता है।”

  3. ट्रिब्यूनल की अपील अवधि बढ़ेगी: लंबी सुनवाई से अतिक्रमणकर्ता मज़बूत होंगे, असली मुतवल्ली भटकेंगे।


ओवैसी का तीखा बयान

“वक़्फ़ हमारी माँ की तरह है—इसे कॉर्पोरेट मॉडल या जमीन बैंक बनाने की सोच छोड़ दीजिए। हम संविधान, संसद और सड़क—तीनों मंचों पर रुकावट बनेंगे।”


विरोध के समर्थन‑स्वर

केंद्र का पक्ष

अल्पसंख्यक मंत्रालय का बयान—“उद्देश्य पारदर्शी प्रबंधन और मृत पूंजी का उत्पादक उपयोग है, वक़्फ़ हित सुरक्षित रहेंगे।” लेकिन विस्तृत मसौदा सार्वजनिक न होने से आशंकाएँ कम नहीं हुईं।

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विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

भू‑कानून विद्वानों के अनुसार वक़्फ़ संपत्ति भारत में ~6 लाख एकड़ (अनुमानित बाजार मूल्य ₹2.5 लाख करोड़)। सुधार ज़रूरी है, पर राज्य टेकोवर से ज़्यादा ज़रूरत E‑ऑक्शन पारदर्शिता, मुतवल्ली ट्रेनिंग और GIS‑लॉकेटेड रजिस्टर की है।


AIMIM का रोडमैप

चरण लक्ष्य समय‑सीमा
लीगल नोटिस केंद्र/राज्य को संविधान 26 उल्लंघन चेतावनी 2 सप्ताह
सर्वदलीय सम्मेलन संसद शीतकालीन सत्र पूर्व 1 महीना
डिजिटल मैपिंग ऐप ड्रोन सर्वे + QR बोर्ड मस्जिद/दरगाह 6 महीने
“वक़्फ़ साक्षरता सप्ताह” मदरसा, कॉलेज में जागरूकता हर वर्ष, 2 अक्टूबर

राजनीतिक असर

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