लखनऊ। 2027 का चुनाव अभी दूर है लेकिन यूपी की सियासत जिस तरह अंगड़ाई ले रही है…उसने सर्दी के मौसम में गर्मी का ऐहसास कर दिया है क्योंकि यूपी की सियासत दिन बा दिन बदल रही है…2024 लोकसभा चुनाव के समीकरण हाशिए पर है… सभी दल नए सियासी फॉर्मूले पर जुट गए है… सत्ताधारी भाजपा का एजेंडा लगभग सेट है लेकिन विपक्षी दलों के फैसलों में नए नए समीकरण इजाद होते दिख रहे है..
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समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोटर्स पर अकेले कुंडली मार बैठने की जुगत में कांग्रेस से भी किनारा करती दिखाई दे रही है… लेकिन मुस्लिमों के बड़े नेता आजम खान की जेल से चिट्ठी सामने आने से सपा कटघरे में है… वहीं जिस चंद्रशेखर रावण से अखिलेश दूरी बनाकर रखना चाहते थे… वही चंद्रशेखर मुस्लिमों की मदद से सांसद बने और अब पूरे प्रदेश में मुस्लिमों के हमदर्द बनने के प्रयास में है…
बकयादा इसके लिए वह जेल में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला से मिलकर मुस्लिम समाज में बड़ा संदेश देने की कोशिश कर चूके हैं…दूसरी तरफ राहुल गांधी का संभल मुद्दे में सीधा हस्तक्षेप मुस्लिम वोटर्स को कांग्रेस के पाले में लाने की तैयारी के नजरिए से देखा जा रहा है…संभल मामले पर भले ही कांग्रेस सपा के पीछे पीछे चल रही थी लेकिन अब हाथरस पहुंच कर राहुल गांधी ने अखिलेश को ओवरटेक कर दिया है…राहुल गांधी ने हाथरास पहुं कर ये भी संकेत भी दिया है की हाथरस कांड को वो भुले नहीं है….यानी की justice is due….का संकॆत दिया है…लेकिन जिस पत्र को पढ़ राहुल हाथरस पहुंचे उसमों लिखा था
पीड़िता के पिता ने राहुल गांधी के नाम पत्र लिखकर कहा कि राहुल जी पत्र में लिखी हुई बातें गहराई से पढ़ें। राहुल जी 14 सितंबर 2020 को हुई घटना बहुत ही भयानक थी, उस घटना में मेरी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ था और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई, जीभ भी काट दी गई। उसके बाद मेरी बेटी को मेरे परिवार के अनुमित के बिना शासन-प्रशासन ने रात के अंधेरे में 2.30 बजे केरोसिन डालकर जला दिया। राहुल जी आजतक मेरे परिवार को यह नहीं पता चला कि जलाई गई बॉडी किसकी थी।
वही 27 के चुनाव से पहले अब उन तमाम मामलों पर सरकार का घेराव करने के लिए विपक्षी पार्टीयां तैयार है…वही राहुल के हाथरस पहुंचने पर dcm ब्रजेश पाठक भड़कते हुए नजर आए… वहीं यूपी की सियासत भी बदल रही है….वहीं खबर ये भी है असदुद्दीन ओवैसी के भी जल्द आजम खान से मिलने की तैयारी कर चूके हैं… सभी समीकरण की चर्चा के बाद ये निष्कर्ष निकल रहा है कि 2027 में कौन सा दल कैसे और किसके साथ मैदान में कूदेगा…ये कहना अभी जल्दबाजी होगी मगर इतना जरूर है कि राहुल की यूपी सक्रियता बता रही है कि आने वाले दिनों से सपा – कांग्रेस के गठबंधन की गर्मी अपने चरम पर रहने वाली है।