Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला! : 28 बैंकों को ABG शिपयार्ड ने लगाया 22,842 करोड़ का चूना, CBI ने FIR दर्ज की

इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला! : 28 बैंकों को ABG शिपयार्ड ने लगाया 22,842 करोड़ का चूना, CBI ने FIR दर्ज की

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 12 फरवरी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ABG शिपयार्ड और उसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित कई के खिलाफ केस दर्ज किया है। 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। शिपयार्ड कंपनी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। शिपयार्ड कंपनी के कुल 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। FIR के मुताबिक घोटालों की टाइमिंग अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 की बीच की बताई जा रही है। ये CBI द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है।

पढ़ें :- मिग-21: भारतीय आसमान का शेर, जिसने दुश्मनों को कांपने पर मजबूर किया, अब इतिहास का हिस्सा

CBI की FIR के मुताबिक फ्रॉड करने वाली दो कंपनियां मुख्य

SBI के DGM ने गुजरात की कई कंपनियों पर 22,842 करोड़ के धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इस घोटाले को बैंकिंग घोटालों में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा सकता है, क्योंकि ये नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। CBI की FIR के मुताबिक फ्रॉड करने वाली दो कंपनियां मुख्य हैं। इनके नाम ABG शिपयार्ड और ABG इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं। ये दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं।

बैंकों के साथ-साथ LIC को भी चूना

FIR के मुताबिक इस कंपनी ने तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के समूह को चूना लगाया है। बैंकों के साथ-साथ LIC को भी 136 करोड़ रुपये का चूना लगा है। SBI को 2,468 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और काफी प्रॉपर्टी खरीदी गईं। तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा गया।

पढ़ें :- लालू परिवार में फूट: रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी सहित अन्य सदस्यों को किया अनफॉलो, राजनीतिक अटकलें तेज़

बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर 2019 को FIR दर्ज कराई थी

SBI की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास ICICI बैंक के 7089 करोड़, 3634 करोड़ रुपये IDBI बैंक, 1614 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, 1244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक, 1228 करोड़ रुपए इंडियन ओवरसीज बैंक के हैं। बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर CBI ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई थी। डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद, CBI ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की।

एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा पूर्व कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल, रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी ABG इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए केस दर्ज किया। कंपनी को SBI के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी थी। फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि साल 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया। जिसमें पैसों का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।

Advertisement