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Story Of Aastha : हड्डियां 100 जगहों से टूटीं, पर फिर भी आस्था का हौसला नहीं टूटा, जानें क्या है आस्था की कहानी?

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

वाराणसी, 29 जनवरी। जीवन में कभी-कभी शारीरिक हालत इतने कठिन हो जाते हैं कि सामान्य इंसान के बस से बाहर हो जाता है। ऐसे में जिंदगी के बेहद मुश्किल दौर में इंसान के अंदर आत्मबल और उम्मीद की अगर एक भी किरण बची हो तो फिर जीने का सहारा मिल ही जाता है। ऐसी ही एक कहानी है 34 साल की दिव्यांग आस्था की। आस्था एक ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं जो लाखों-करोड़ों लोगों में एक को होती है। आस्था के शरीर की हड्डियां 100 जगहों से टूटी हैं। शरीर में 12 ऑपरेशन होने के बाद रॉड लगी हुई हैं। साल 2002 में किसी तरह से व्हीलचेयर पर इंटर पास की थी। अब पूरे 20 साल हो गये आस्था बेड से उठ नहीं पाईं, अस्थियां इतनी कमजोर हैं कि बैठने पर भी टूट सकती हैं। इसलिए आस्था हमेशा लेटे ही रहती हैं। जीवन के बेहद कठिन हालात में जीवनलीला खत्म कर लेने के बजाय आस्था ने अपने नाम के अनुरूप जीवन और ईश्वर के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखा। संघर्ष की नई लकीर खींची जो सबके लिए प्रेरणाश्रोत है।

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ग्राफिक डिजाइनर हैं आस्था

आस्था ने पूरे हौसले के साथ दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखी। कंप्यूटर में इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से डिग्री ली और आज एक ग्राफिक डिजाइनर के रूप में काम कर रही हैं। आस्था ने अपना एक यूट्यूब चैनल खोला है। बिस्तर से ही आस्था वो सारे काम करती हैं जो एक सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। आस्था के संघर्ष की जानकारी पर उनके घर पहुंचे बीजेपी नेता दिव्यांग बंधु डॉ. उत्तम ओझा बताते हैं कि आस्था बेड पर लेटे-लेटे ही कंप्यूटर पर काम करती हैं। इस दौरान उनकी अंगुलियों की जादूगरी देखते ही बनती है।

लावारिस पशुओं के लिए एक संस्था बनाई

डॉ. उत्तम बताते हैं कि आस्था ने गली में घूमने वाले लावारिस पशुओं के लिए एक संस्था बनाई है। इस संस्था के माध्यम से जीव संरक्षण का काम कर रही हैं। आस्था के हौसले को देखकर वो अचंभित रह गए। किसी भी तरह का कहीं से कोई सहयोग ना मिलने के बावजूद उनके अंदर गजब का आत्मबल है। उन्होंने लोगों से आस्था के सहयोग में आगे आने का आह्वान किया है।

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