नई दिल्ली, 31 जनवरी। संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों को संबोधन के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति ने सरकार के काम-काज का लेखा पेश किया। जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की।
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2022-23 में GDP 8-8.5% रहने का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ 8 से 8.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के 9.2 फीसदी के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से कम है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन और प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। सान्याल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था हर चुनौतियों से लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट के बावजूद इस वित्त वर्ष में विकास दर 9.2 फीसदी रहेगी। साथ ही उन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8-8.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया।
The survey states that the Indian economy is estimated to grow by 9.2 percent in real terms in 2021-22, after a contraction of 7.3 percent in 2020-21#EconomicSurvey
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कृषि क्षेत्र लॉकडाउन में बहुत कम प्रभावित हुआ
प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र लॉकडाउन में बहुत कम प्रभावित हुआ है। इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि औद्योगिक क्षेत्र में इस दौरान गिरावट देखी गई, जो अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर से लगभग 4.1 फीसदी ऊपर है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सर्विस सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। लेकिन अब ये क्षेत्र कोराना महामारी से पहले के स्तर से थोड़ा नीचे है।
The survey states that Agriculture and allied sectors have been the least impacted by the pandemic and the sector is expected to grow by 3.9 percent in 2021-22 after growing by 3.6 percent in the previous year
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पर्यटन विभाग महामारी में सबसे ज्यादा प्रभावित
सान्याल ने कहा कि सर्विस सेक्टर का वो हिस्सा है जिसमें पर्यटन, यात्रा और होटल शामिल है, अभी भी महामारी से पहले के स्तर से 8.5 फीसदी नीचे है। दरअसल ये एक ऐसा क्षेत्र है, जो अभी भी प्रभावित है। उन्होंने बताया कि कुल खपत में कोरोना महामारी से पहले की तुलना में कमी आई है। हालांकि अब सरकारी खपत में बहुत हद तक मज़बूती देखी जा रही है, लेकिन निजी खपत अभी भी बहुत कम है। वहीं निर्यात में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के विकास का एक प्रमुख पहलू रहा है, जो अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर है। आयात में भी बहुत बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर GDP कोरोना से पहले के स्तर से 1.3 फीसदी ऊपर है।
लॉकडाउन में महंगाई दर में अवरोध देखा गया
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उन्होंने कहा कि साल 2021 के दौरान लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों की वजह से महंगाई दर में अवरोध देखा गया। हालांकि इस साल पाबंदियों के हटने के चलते उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर 5.6 फीसदी रही। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा और राज्यसभा में मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की।
Food inflation, as measured by the Consumer Food Price Index (CFPI), averaged at a low of 2.9% in 2021-22 (April-December) as against 9.1% in the corresponding period last year.#EconomicSurvey
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गौरतलब है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का पूरा लेखा-जोखा होता है। वित्त मंत्री इस दस्तावेज के जरिए ये बताते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था किस स्थिति में है। सरकार की योजनाएं कितनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान विकास का क्या ट्रेंड रहा, किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ और योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया। इस रिपोर्ट में सरकार की नीतियों और आने वाले बजट की रूप रेखा की जानकारी भी होती है।