Queen Elizabeth Dies: ब्रिटेन शोक मे, लंबे समय तक ब्रिटिश इतिहास में राज करने वाली महारानी क्वीन एलिजाबेथ-II का गुरुवार को 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया. जिसके चलते वो इतिहास के तमाम अहम पलों का हिस्सा रहीं. दुनियाभर के सैकड़ों नेताओं के साथ उनकी मुलाकात हुई और सभी उनके शांत स्वभाव के कायल थे. इसीलिए अब उनके निधन पर दुनियाभर के नेता उन्हें याद कर रहे हैं और दुख जता रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति (Joe Biden) से लेकर संयुक्त राष्ट्र के चीफ तक ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर बयान जारी किया. इसके बाद उनके सबसे बड़े बेटे 73 वर्षीय चार्ल्स, सदियों के प्रोटोकॉल के अनुसार अब राजा बन गए हैं. रानी के 70 साल के रिकॉर्डतोड़ शासन के बाद शाही परिवार के लिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है.
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प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन की गद्दी पर बैठने वाले सबसे अधिक उम्र के राजा
चार्ल्स ने लगभग अपना पूरा जीवन अपनी मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के उत्तराधिकारी की प्रतीक्षा में बिताया है, यहां तक कि उन्होंने अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को और अधिक उम्र के रूप में लिया। अब ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठने वाले चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के राजा होंगे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद वह देश के अगले महाराज बने हैं. ब्रिटिश राजशाही के अधिकारियों के मुताबिक, चार्ल्स ‘किंग चार्ल्स थर्ड’ (महाराज चार्ल्स तृतीय) के नाम से राजगद्दी संभालेंगे. हालांकि अभी तक चार्ल्स की ताजपोशी की तारीख तय नहीं हुई है. जन्म के साथ ही देश की राजगद्दी संभालने की तैयारी शुरू करने वाले चार्ल्स ने ब्रिटिश राजशाही के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.
चार्ल्स पहले ऐसे शाही उत्तराधिकारी हैं जिनकी शिक्षा घर में नहीं हुई है, साथ ही वह विश्वविद्यालय डिग्री पाने वाले और राजपरिवार और सामान्य जनता के बीच की कम होती दूरियों के दौर में मीडिया की पैनी नजरों के बीच जिंदगी गुजारने वाले भी पहले उत्तराधिकारी हैं. चार्ल्स का राज्याभिषेक, एक निश्चित तिथि पर परंपरा और इतिहास में डूबा एक विस्तृत अनुष्ठान, उसी ऐतिहासिक परिवेश में होगा, जैसा कि सदियों से होता आया है.
हालांकि अब इस बारे में सवाल पूछे जाएंगे कि क्या अब ब्रिटिश राजशाही का स्वर्ण युग बीत चुका है, आधुनिक युग में एक प्राचीन संस्था कैसे व्यवहार्य रह सकती है और क्या चार्ल्स उसी सम्मान की कमान संभालेंगे या अपनी मां की छाया में शासन करेंगे.
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दो दिन पहले ही महारानी ने तस्वीरों में मुस्कुराते हुए लिज़ ट्रस को अपने शासनकाल का 15वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. हालांकि कमजोर होने के चलते उन्हें छड़ी का उपयोग करते हुए देखा गया था. उनके 70 साल के शासनकाल में दो शताब्दियों के सामाजिक, राजनीतिक और तकनीकी उथल-पुथल का सामना करना पड़ा.
ब्रिटेन के विशाल साम्राज्य के अंतिम अवशेष ढह गए. ब्रेक्सिट ने घर पर उसके राज्य की नींव हिला दी और उसके परिवार ने घोटालों की एक श्रृंखला को सहन किया. लेकिन पूरे समय, वह लगातार लोकप्रिय रही और न केवल यूनाइटेड किंगडम की बल्कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित 14 पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों की रानी और राज्य की प्रमुख रहीं.
वह 56 राष्ट्र के राष्ट्रमंडल की प्रमुख भी थीं, जो दुनिया का एक चौथाई हिस्सा है जहां लोग रहते हैं. वो दुनिया भर में एंग्लिकन कम्युनियन की मातृ चर्च, चर्च ऑफ इंग्लैंड की सर्वोच्च गवर्नर भी थी.