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CM ममता बनर्जी ने कालीघाट मंदिर में की पूजा-अर्चना, मां काली से मांगा बंगाल की खुशहाली का आशीर्वाद

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर अपनी आध्यात्मिक आस्था को दर्शाते हुए कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर में मां काली की पूजा-अर्चना की। यह मंदिर न केवल बंगाल की संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि देशभर में आस्था का एक केंद्र माना जाता है। पूजा के दौरान ममता बनर्जी ने राज्य के नागरिकों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

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मुख्यमंत्री सुबह मंदिर परिसर में पहुंचीं, जहां पुजारियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उनका स्वागत किया। उन्होंने मां काली के चरणों में पुष्प अर्पित किए, दीप प्रज्ज्वलित किया और विशेष पूजा की। मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं और पुजारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री की यह पूजा राज्य के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आती है, खासकर तब जब राजनीतिक और सामाजिक माहौल में संतुलन बनाए रखना आवश्यक हो।

ममता बनर्जी का कालीघाट मंदिर से विशेष जुड़ाव है। वे समय-समय पर यहां आती रही हैं और हर बार उनकी पूजा सार्वजनिक ध्यान आकर्षित करती है। इस बार की पूजा भी नवरात्रि के ठीक बाद की गई, जिससे यह और भी अधिक धार्मिक महत्व की हो गई है। यह न केवल एक निजी आस्था का मामला है, बल्कि जनता को यह संकेत भी है कि सरकार न केवल विकास में बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों में भी विश्वास रखती है।

मंदिर परिसर में मौजूद भक्तों ने बताया कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी से वातावरण और भी पावन हो गया। ममता बनर्जी ने मंदिर के पुजारियों से बातचीत की, मंदिर की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और मंदिर प्रबंधन की सराहना भी की। उन्होंने मंदिर में सफाई, सुरक्षा और श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।

कालीघाट मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को देखते हुए, इस प्रकार की पूजा-अर्चना न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। मुख्यमंत्री की यह आध्यात्मिक पहल उनके जनसंपर्क और जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव को भी दर्शाती है।

धार्मिक मामलों के जानकार मानते हैं कि ममता बनर्जी का यह कदम उन्हें एक संवेदनशील नेता के रूप में प्रस्तुत करता है जो आधुनिकता और आस्था, दोनों के संतुलन को महत्व देती हैं। पश्चिम बंगाल की राजनीति में जहां धर्म और संस्कृति एक अहम भूमिका निभाते हैं, वहां मुख्यमंत्री की यह पूजा जनता के बीच सकारात्मक संदेश देने का माध्यम बनती है।

पूजा-अर्चना के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और सीधे अपने सरकारी कार्यों के लिए रवाना हो गईं। लेकिन सोशल मीडिया पर इस पूजा की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे जनता में इस कार्यक्रम को लेकर उत्सुकता और सम्मान दोनों बढ़े हैं।

राज्य में अगले कुछ महीनों में कई विकास योजनाओं और त्योहारों को लेकर तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की यह पूजा एक शुभ संकेत मानी जा रही है, जो राज्य की ऊर्जा और एकजुटता को और मज़बूती देती है।

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