लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक विभाग के शिक्षकों पर अक्सर लापरवाही के इल्जाम लगते रहते है। जिन शिक्षकों को बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाना चाहिए। उसमे बड़ी तादाद में शिक्षक खुद ही नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखते है। ऐसे में योगी सरकार ने सभी को अनुशासित करने के लिए एक प्लान बनाया। प्लान है ऑनलाइन हाजिरी का। मतलब की सरकार शिक्षकों पर पैनी नजर रखने की तैयारी में है। 8 जुलाई से उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल हाजिरी का आदेश पारित किया गया। लेकिन शिक्षकों ने पहले दिन ही इसका जमकर विरोध किया। लगभग पूरे उत्तर प्रदेश में शिक्षकों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर कार्य किया। पहले दिन प्रदेश भर में केवल 6 शिक्षकों ने डिजिटल हाजिरी लगाई। प्रदेश में 6 लाख से अधिक बेसिक टीचर हैं। स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों को डिजिलट हाजिरी सुबह 7: 45 बजे से 8 बजे तक लगानी है। हालांकि अब इसे सुबह 8.30 बजे तक के लिए कर दिया गया है। फिलहाल लगभग सभी जिलों में शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में और कई मांगों को लेकर प्रदर्शन पर उतरे।
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आपको बता दें की डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से डिजिटल हाजिरी का आदेश सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि परिषदीय स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को अब सुबह 7.45 से 8 बजे तक अपनी हाजिरी डिजिटल मोड में लगानी होगी। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि स्कूल के शिक्षक अब निर्धारित समय के 30 मिनट बाद तक उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. हालांकि, उन्हें देरी से पहुंचने का कारण बताना होगा।
स्कूलों में शिक्षकों के लेटलतीफी से आने के कारण यह आदेश जारी किया गया था। पहले यह आदेश 15 जुलाई से लागू होने वाला था, लेकिन इसे 8 जुलाई से ही प्रदेश भर में लागू कर दिया गया। वहीं शिक्षक संगठनों का कहना है कि पहले उनकी मांगे पूरी की जाए फिर इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा। फिलहाल योगी सरकार ये व्यस्था लागू कर पाती है या वह शिक्षकों के आगे झुक कर समझौता करती है। ये आने वाले कुछ दिन बताएंगे।