कांग्रेस की कसरत के पीछे क्या है हसरत ?
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नई दिल्ली। जी हां 2027 के लिए कांग्रेस ने B प्लान एक्टिव कर दिया है ..बकयादा नई टीम, नई रणनीति, नए कलेवर -तेवर के साथ कांग्रेस दिखाई दे सकती है मगर सवाल ये कि बीजेपी ही नहीं सपा को भी झटका देने की तैयारी में दिख रही कांग्रेस की कसरत के पीछे हसरत क्या है ? 2024 लोकसभा चुनाव में ताकत बढ़ी तो कांग्रेस का हौसला बढ़ गया… अब कांग्रेस सियासत के पिच पर दबकर नहीं खुलकर खेल रही है…कांग्रेस का अगला लक्ष्य उत्तर प्रदेश में खुद को स्थापित करने पर है….तभी तो 2027 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ऐसी टीम बनाने के प्लान में है…जो मौका आने पर बीजेपी ही नहीं सपा को भी चित्त कर दे…
बकयादा गुरुवार देर शाम कांग्रेस ने सबको झटका देते हुए यूपी कार्याकरणी भंग कर दी
बकयादा कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पार्टी अध्यक्ष खडगे के आदेश पर नई टीम बनाने के लिए यूपी में जिला, शहर और ब्लॉक इकाई को भंग कर दिया है….
संसद में राहुल-अखिलेश में डिस्टेंस
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बात इतनी भर नहीं है क्योंकि … संसद में राहुल अखिलेश में डिस्टेंस…. विधासनभा चुनाव में गठबंधन बरकरार रखने को लेकर सस्पेंस बढ़ा रहा है । कांग्रेस भले ही यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में है…लेकिन संसद में राहुल और अखिलेश में दूरी और यूपी में समय समय पर कांग्रेस सपा नेताओं में सीनाजोरी से तय है कि कांग्रेस सपा के सहारे नहीं रहने वाली… और 2027 में कांग्रेस सपा के साथ रहेगी ये कोई जरूरी नहीं क्योंकि भले ही सपा के साथ आने से कांग्रेस को 6 सांसद बनाने में कामयाबी हासिल की हो।
लेकिन कांग्रेस आलाकमान को ये पता है कि जब तक सपा ताकतवर रहेगी यूपी में कांग्रेस कभी पैरों पर नहीं खड़ी हो सकती….ऐसे में 90 के दशक से पहले वाले अल्पसंख्यक वोटर्स को पाने के लिए कांग्रेस नई रणनीति बना सकती है जो सपा से परे होगी… संसद में राहुल अखिलेश की दूरी भी ये संदेश है कि कांग्रेस नहीं चाहती कि वह सपा पर निर्भर हो जिससे उसके बचे खुचे वोटर्स और नेता भी पार्टी छोड़ दे….फिलहाल अखिलेश यादव ने भी एक इंटरव्यू में ये कहकर कांग्रेस को झटका दिया था कि कांग्रेस भी भाजपा जैसी पार्टी थी ….और जैसे वह खत्म हुई भाजपा भी खत्म हो जाएगी..मगर सियासत में कयासों के बीच रात के वक्त कांग्रेस ने अपने सभी इकाईयों को भंग करने का फैसला क्यों लिया ये अभी भी रहस्य बना हुआ है ।