Elon Musk की भारत पर राय: संभावना के साथ कुछ शर्तें भी
दुनिया के सबसे चर्चित उद्यमियों में से एक Elon Musk ने एक हालिया इंटरव्यू में भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। Musk ने कहा कि भारत एक “बहुत ही गर्म और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार” है, जहां टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इनोवेशन को लेकर अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने भारत में Tesla की एंट्री को लेकर भी सकारात्मक संकेत दिए, लेकिन साथ ही कुछ “महत्वपूर्ण बाधाओं” का भी जिक्र किया।
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Musk ने कहा, “हमें भारत में आने की इच्छा है, हम यहां निवेश करना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए स्थानीय विनिर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और नीति समर्थन बेहद आवश्यक हैं।” उन्होंने यह भी साफ किया कि Tesla जैसे वैश्विक ब्रांड्स के लिए सरकारी सहयोग और इंपोर्ट ड्यूटी में रियायत बेहद जरूरी है।
Tesla की एंट्री में क्या हैं बड़ी चुनौतियाँ?
भारत में Tesla को लाने की चर्चाएं कई वर्षों से चल रही हैं, लेकिन उच्च आयात शुल्क, स्थानीय निर्माण अनिवार्यता, और लॉजिस्टिक सपोर्ट की कमी के चलते अभी तक इसे अमल में नहीं लाया जा सका है। Elon Musk ने दोहराया कि Tesla भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने को तैयार है, बशर्ते सरकार नीति में लचीलापन दिखाए और व्यापार के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करे।
Musk का कहना है, “हमें ग्राहकों के नज़दीक रहना है, लेकिन हमें यह भी देखना है कि कारोबार करने की लागत और प्रक्रियाएं कितनी अनुकूल हैं।”
भारत में SpaceX और Starlink की भूमिका
Musk ने सिर्फ Tesla ही नहीं, बल्कि SpaceX की इंटरनेट सेवा Starlink के भारत में रोलआउट को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी लाना उनकी प्राथमिकताओं में है, लेकिन इसके लिए उन्हें भारत सरकार से आवश्यक स्पेक्ट्रम अनुमति और रेगुलेटरी क्लीयरेंस की आवश्यकता है।
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उन्होंने कहा, “भारत में डिजिटल इनक्लूजन के लिए Starlink एक बड़ा बदलाव ला सकता है, लेकिन हमें साथ में काम करने की जरूरत है।”
भारत को लेकर Elon Musk की सोच क्या कहती है?
Elon Musk का यह बयान सिर्फ एक कारोबारी नजरिए से नहीं, बल्कि भारत के वैश्विक निवेश परिदृश्य में बढ़ते महत्व को दर्शाता है। भारत में युवा आबादी, डिजिटल एडॉप्शन, और ग्रीन एनर्जी की मांग के चलते Tesla और SpaceX जैसी कंपनियों को यहां बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपनी पिछली मुलाकात को “बेहद सकारात्मक” बताया और भरोसा जताया कि निकट भविष्य में दोनों पक्ष एक सार्थक रणनीति पर आगे बढ़ सकते हैं।