पटियाला (पंजाब)। पंजाब के पटियाला जिले में भारी बारिश के कारण हालात काफी खराब हो गए हैं। पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात ये हो गए हैं कि बाढ़ का पानी राजपुरा थर्मल पावर प्लांट के परिसर में घुस गया, जिससे संयंत्र की 700 मेगावाट की एक इकाई को बंद करना पड़ा।
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अधिकारियों ने जिले में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि राजपुरा शहर में सतलुज यमुना लिंक नहर तटबंध टूटने के कारण उफान पर है।
राजपुरा के एक निजी अस्पताल में रविवार को बाढ़ का पानी घुस गया। जिसके बाद मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजा गया। जिले में सेना की मदद से एक निजी विश्वविद्यालय से करीब 800 छात्रों को बचाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि घग्गर, मारकंडा, पचीसदरा, नरवाना, टांगरी और पटियाला जैसी विभिन्न नदियों और उनकी सहायक नदियों और नहरों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। इन नदियों में जलस्तर अत्यधिक हो जाने की वजह से आसपास के गांवों और इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
क्षेत्र में हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई सड़कें पानी में बह गईं और बड़ी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। जिससे पटियाला शहर के नजदीक गोपाल कॉलोनी और अरई मजारी में बाढ़ आ गई। बाढ़ के कारण जिले के विभिन्न हिस्सों में धान की फसल को नुकसान होने की आशंका है।