Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. झारखंड
  3. झारखंड में 2024 चुनाव में हेमंत की आंधी ने NDA को कर दिया धराशाई, सूबे के विकास की खींची लकीर  

झारखंड में 2024 चुनाव में हेमंत की आंधी ने NDA को कर दिया धराशाई, सूबे के विकास की खींची लकीर  

By HO BUREAU 

Updated Date

hemant soren

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2019 में झारखण्ड में गठबंधन की सरकार बनने के नींव डाली और 2024 में बरकार रखा उम्मीद की जा रही है कि गठबंधन सरकार राज्य में विकास की बिल्डिंग खड़ा करने का काम करेगा।

पढ़ें :- झारखंडः हेमंत किसके सारथी ! दिल्ली विधानसभा चुनाव बना हेमंत सोरेन के गले की फांस

सीएम हेमंत सोरेन झारखंड विधानसभा में गुरुवार को सदन में राज्यपाल संतोष गंगवार के अभिभाषण में सूबे की विकास की लकीर खींच दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ता की बागडोर संभालते ही विकास के कार्यों को धरातल पर उतार कर आधारभूत संरचना, पर्यटन, रोजगार सृजन सहित सभी क्षेत्रों में और सभी वर्गों के लिए काम करने के शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं 2024 के चुनाव में किए गए कई महत्वपूर्ण वादो को पूरा करने के लिए वादों को रफ्तार शुरू कर दी है।

CM हेमन्त ने राज्यपाल के अभिभाषण को ‘श्वेत पत्र’ का करार दिया है सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार प्रोजेक्ट बिल्डिंग (सचिवालय) से नहीं चलेगी बल्कि यह गांवों से चलने वाली सरकार चलेगी। गांवों की अर्थव्यवस्था से  सर्वांगीण विकास होगी। हेमन्त ने यह सिद्ध कर दिया कि सरकार झारखंड के किस दिशा में ले जाना चाहती है, क्या जरूरत है यह भली भाँति जानते हैं। हेमन्त के खामोश दहाड़ ने झारखण्ड के विधानसभा चुनाव नतीजे ने सत्तारूढ़ दलों को ही पुनः सत्ता सौंपने का जनादेश दिया।

जीत को कुछ इस तरह पेश किया गोया उसने आगामी 2029 के लोकसभा चुनावों का सेमीफ़ाइनल जीत लिया हो।। बीजेपी की हिंदुत्व बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ़ हैं’ जैसे विवादित व वैमनस्य पूर्ण नारों का सहारा ने बेसहारा कर दिया। इतना ही नहीं बीजेपी के सदन के योद्धा कहे जाने वाले  पूर्व नेता प्रतिपक्ष, समेत 7 विधायक भी हार गए। बात इतने में नहीं रुकी बीजेपी को प्रदेश स्तर के कई नेता अपनी बूथ भी नहीं बचा पाए।

अब बीजेपी को इसपर मंथन से लेकर मैराथन करना होगा। बीजेपी को अपने मिशन के अनुसार लंबे समय से इस शांतप्रिय आदिवासी बाहुल्य राज्य को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का असफल प्रयास को सफ़लता की ओर ले जाना होगा।

पढ़ें :- झारखंड में तकरारः बंद पड़ी खदानों की जमीन राज्य सरकार को लौटाए केंद्रः सोरेन

सब के बावजूद झारखण्ड के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को  झामुमो कांग्रेस व राजद जैसे सहयोगियों का गठबंधन पूरी तरय सफल रहा।  इस चुनाव में राज्य को झामुमो की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के रूप में एक नई युवा महिला नेता ज़रूर मिल गयी। साथ ही चंपई सोरेन, लॉबिंन  हेम्ब्रम, सीता को  राज्य के मतदाताओं ने पटखनी देकर यह बता दिया कि राज्य की जनता ‘विभीषणों ‘ खारिज कर दिया।

Advertisement