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प्रयागराज में माघ मेला 15 जनवरी से, मेला पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री घोषित

By Rakesh 

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प्रयागराज। संगम की रेती पर सोमवार (15 जनवरी) मकर संक्रांति के पर्व से माघ मेले की शुरुआत होने जा रही है। योगी सरकार 2024 के माघ मेले को 2025 के महाकुंभ के ट्रायल के तौर पर पेश कर रही है। इस बार के माघ मेले में जहां सरकार की ओर से कई नए प्रयोग किया जा रहे हैं। तो वहीं माघ मेले का क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया है और सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है।

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माघ मेले में सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पूरे माघ मेले की ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही साथ महाकुंभ के मद्देनजर पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी मदद ली जा रही है। योगी सरकार ने 2024 के माघ मेले को पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री भी घोषित किया है।

संगम की रेती पर तंबुओं का शहर बस चुका है और 15 जनवरी मकर संक्रांति के पहले स्नान पर्व से माघ मेले की शुरुआत होने जा रही है। इस बार का माघ मेला कई मायनों में खास होने जा रहा है। योगी सरकार इसे महाकुंभ 2025 का रिहर्सल मान रही है। माघ मेले में अयोध्या से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण ने व्यापक तौर पर इंतजाम किए हैं।

मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक इस बार 5 सेक्टर में बसने वाले मेले का क्षेत्रफल बढ़कर 768 हेक्टेयर किया गया है। 6 सेक्टर में मेला बसाया गया है। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग बिजली विभाग समेत अन्य विभागों ने अपने सभी काम पूरे कर लिए हैं। हर सेक्टर में स्नान घाट बनाए गए हैं।

मेला क्षेत्र में 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें लगीं

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मेला क्षेत्र में 3300 रनिंग फीट स्नान घाट बनाया गया है। माघ मेले में लगभग 100 किलोमीटर के दायरे में लोहे की चकर्ड प्लेटें बिछाकर सड़कें बनाई गई हैं। 200 किलोमीटर की पाइपलाइन भी मेला क्षेत्र में बिछाई गई है। 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। हाइब्रिड सोलर लाइटों का पहली बार प्रयोग किया जा रहा है।

65 किलोमीटर ड्रेनेज पाइप लाइन और 21 हजार शौचालयों की व्यवस्था की गई है। माघ मेला अधिकारी के मुताबिक प्रशासन ने करीब 20 लाख श्रद्धालुओं के मकर संक्रांति के पहले स्नान पर्व पर आने का अनुमान लगाया है। साधु-संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है ताकि वह पॉलिथीन और थर्माकोल का प्रयोग न करें। पॉलिथीन के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए कपड़े का थैले का प्रयोग करें। इसके अलावा कुल्हड़ और दोना पत्तल का प्रयोग करें जिससे कि माघ मेला पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो।

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