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UP News: ‘मुर्दा’ महिला 7 साल बाद निकली जिंदा, पत्नी की हत्या के आरोप में पति और दोस्त ने काटी 18 महीने जेल

By इंडिया वॉइस 

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Mathura News: उत्तर-प्रदेश के मेरठ से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है,मेरठ में पत्नी की हत्या के आरोप में पति और उसका दोस्त दोनों 18 महीने जेल में रहे वह जिंदा निकली,जेल से बाहर निकलने के बाद पति और दोस्त ने राजस्थान के दौसा जिले में मरी हुई पत्नी को खोज निकाला,इस घटना की खबर पुलिस को मिलते ही पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया ,महिला के जिंदा मिलने के बाद अब पुलिस की विवेचना पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं

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आरती की मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से आरती के पिता इलाज के लिए उसे बालाजी ले गए,जहां उनकी मुलाक़ात सोनू से हुई,कुछ दिन बार आरती ने सोनू से बांदीकुई कोर्ट में शादी कर ली,शादी के बाद आरती सोनू के सामने शर्त रखने लगी जिसे सोनू पूरा नहीं कर पाया और आरती अचानक घर से गायब हो गई,सोनू के पास से लापता होने से पहले आरती 5 सितंबर 2015 को अचानक अपने पिता के घर से गायब हुई थी.जिसके बाद पिता ने वृंदावन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई,पुलिस मामले की जांच शुरू केआर दी,इसी बीच मार्च 2016 में थाना मगोर्रा क्षेत्र में एक महिला का शव नहर में मिला था.

 
जिसकी जानकारी मिलने पर आरती के पिता मगोर्रा थाना पहुंचे और फोटो देखकर मृत मिली महिला की पहचान अपनी बेटी आरती के रुप में कर ली. पिता के द्वारा शिनाख्त करने पर पुलिस ने पहले से दर्ज कराई FIR में हत्या की धारा बढ़ाते हुए सोनू और उसके दोस्त गोपाल को गिरफ्तार कर लिया,वृंदावन कोतवाली पहुंचे सोनू और गोपाल ने बताया कि उन्होंने आरती की हत्या नहीं की थी, इसलिए विश्वास था कि वह मरी नहीं है. इसीलिए आरती की तलाश कर रहे थे. सोनू ने बताया कि वह आरती की तलाश के लिए कभी सब्जी वाला तो कभी ऊंट गाड़ी चलाने वाला बनकर बालाजी के आसपास के गांव में तलाशते थे. इसके बाद जब पता चला कि आरती विशाला गांव में है तो फिर इंदिरा आवास दिलाने के बहाने कागज लिए और खुलासा हो गया.

 
जिंदा मिली आरती की फर्जी हत्या के मामले में जेल जा चुके सोनू और गोपाल ने बताया कि 2016 में जब वृंदावन पुलिस उनको गिरफ्तार करके लाई तो पुलिस ने बहुत टॉर्चर किया. सोनू के नाखून प्लास से उखाड़े गए. धमकी दी गई कि अगर हत्या करने की बात नहीं कबूली तो एनकाउंटर कर देंगे. पुलिस के टॉर्चर से घबरा कर दोनों ने हत्या करना कबूल कर लिया था. सोनू और गोपाल ने बताया कि उनको उस वारदात की सजा मिली जो उन्होंने की ही नहीं थी. इस मामले की सीबीआई जांच हो और उन पुलिस कर्मियों को सजा मिले जिन्होंने सही जांच न कर निर्दोष जेल भेज दिया.

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