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मुस्लिम, मदरसा और मायावती; ट्विटर से 2024 की तैयारी में BSP, दलित मुद्दा भी उठाया

By इंडिया वॉइस 

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उत्तर प्रदेश पर राज कर चुकी बहुजन समाज पार्टी सियासी वजूद की जंग लड़ रही है. इसके लिए पार्टी प्रमुख मयावती ने कमान संभाल ली है. खबर है कि वह इन दिनों लगातार मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई हैं. 2022 विधानसभा चुनाव में बसपा की हालत बेहद खराब रही थी. पार्टी ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल 1 ही जीत सकी थी. 287 पर बसपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. फिलहाल, वह 2024 लोकसभा चुनाव के लिए दलित-मुस्लिम वोट जुटाने की जुगत में लगी हुई हैं.

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विधानसभा चुनाव में बसपा की हार के लिए मायावती ने मुसलमानों को जिम्मेदार बताया था. उनका कहना था कि समुदाय ने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया, जिसके बाद सपा शासन से डरे सवर्ण, दलित और अन्य पिछड़ा वर्गों ने भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट किया. उन्होंने चुनाव से मिले अनुभव को ‘सीख’ माना था.

मौजूदा गतिविधियों को देखें, तो मायावती लगातार यह सुनिश्चित करने में लगी हुई हैं कि कम से कम ट्विटर पर ही वह समुदाय के मुद्दों को पहले उठाती रहें. उन्होंने राज्य में चर्चा में चल रहे मदरसा के मुद्दे को भी उठाया था. बसपा सुप्रीमो ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि सर्वे में मिले 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देगी या नहीं. मयावती ने बताया था कि उनकी सरकार में 100 मदरसे यूपी बोर्ड से जुड़े हुए थे.

कांग्रेस को भी घेरा

अब वह कांग्रेस को भी मदरसा के मुद्दे पर घेर रही हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘पहले कांग्रेस सरकार ने ’मदरसा आधुनिकीकरण’ के नाम पर वहाँ के छात्रों को उनकी पसंद की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाय उन्हें ड्राइविंग, मैकेनिक, कारपेन्टर आदि की ट्रेनिंग के जरिए छात्रों की तालीम व उन मदरसों का भी अपमान किया और अब आगे देखिए बीजेपी सरकार में उनका क्या होता है?’

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