Noida में Murshidabad Violence के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन: प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
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Murshidabad में हाल ही में हुई हिंसा के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। इस हिंसा में कई लोगों के घायल होने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने की खबरें सामने आई हैं। इस घटना को लेकर अब Noida में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, जहां नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर West Bengal सरकार की निष्क्रियता और प्रशासनिक लापरवाही पर कड़ा विरोध जताया।
क्या है Murshidabad Violence?
Murshidabad, जो कि पश्चिम बंगाल का एक संवेदनशील जिला है, वहां बीते सप्ताह धार्मिक झड़पों ने उग्र रूप धारण कर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक समुदाय विशेष की धार्मिक प्रक्रिया के दौरान झगड़ा शुरू हुआ जो जल्द ही दंगे में तब्दील हो गया। पुलिस की उपस्थिति के बावजूद, भीड़ ने हिंसा, आगजनी और पथराव किया, जिसमें कई लोग घायल हुए और स्थानीय दुकानें लूट ली गईं।
Noida में क्यों हुआ प्रदर्शन?
इस हिंसा के खिलाफ Noida में नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर Sector 18 में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि Waqf Board की राजनीति और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से राज्य में हालात बिगड़ रहे हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और पीड़ितों को मुआवजा दे।
क्या बोले प्रदर्शनकारी?
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “Murshidabad की हिंसा सिर्फ एक जिले की समस्या नहीं है, ये पूरे देश की शांति के लिए खतरा है। अगर इसपर सख्ती से कार्रवाई नहीं हुई तो अन्य राज्यों में भी यह आग फैल सकती है।”
कई लोगों ने बंगाल पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की।
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पुलिस का रवैया बना विवाद का विषय
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि West Bengal Police ने हिंसा को रोकने में पूरी तरह असफलता दिखाई। कई वायरल वीडियो में यह भी देखा गया कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही जबकि भीड़ ने कानून अपने हाथ में लिया।
सोशल मीडिया पर #MurshidabadViolence ट्रेंड
Twitter, Instagram और Facebook पर #MurshidabadViolence, #NoidaProtest, #JusticeForVictims जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों ने हिंसा के खिलाफ एकजुटता दिखाई और सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की।
प्रशासन का जवाब
नोएडा प्रशासन ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की हिंसा या पथराव की सूचना नहीं है। हालांकि, प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाएंगी।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि Murshidabad जैसी घटनाएं सिर्फ साम्प्रदायिक तनाव ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारों की विफल नीतियों का परिणाम हैं। यदि समय रहते कानून व्यवस्था को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।
निष्कर्ष
Murshidabad हिंसा अब सिर्फ एक राज्य की समस्या नहीं रह गई है। Noida जैसे शहरी क्षेत्रों में हो रहे विरोध प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि देशभर में नागरिक अब ऐसे मुद्दों पर चुप बैठने को तैयार नहीं। सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी नीतियां, स्वतंत्र जांच और समान कानून व्यवस्था लागू करें।