नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। NH की स्थितियों का समय-समय पर मंत्रालय और इसकी विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों जैसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), लोक निर्माण विभाग द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। पिछले वर्ष राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव पर 6,523 करोड़ खर्च किए गए।
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यह जानकारी केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।उन्होंने बताया कि एनएच विकास/उन्नयन परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करते समय वर्षा, उच्च बाढ़ स्तर, इलाके का प्रकार, मिट्टी की श्रेणी आदि पहलुओं को हमेशा ध्यान में रखा जाता है।
इसके बाद पुलिया, प्राकृतिक जलधाराओं/जल निकासी आदि पर छोटे और बड़े पुलों का निर्माण किया जाता है। बताया कि टीओटी (टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर) और इनविट (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) के तहत किए गए NH विस्तार के लिए, रियायती अवधि के अंत तक एम एंड आर की जिम्मेदारी होती है। जबकि NH के शेष हिस्सों के लिए मंत्रालय ने अनुबंध के माध्यम से रखरखाव कार्य करने का निर्णय लिया है।