ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष का समर्थन: खड़गे ने दिखाई राष्ट्रीय एकता की मिसाल
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भाग लिया। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य था—राष्ट्रीय सुरक्षा पर साझा रणनीति बनाना और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने में राजनीतिक सहमति सुनिश्चित करना। इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “हम पूरी मजबूती से सरकार के साथ हैं। देश की सुरक्षा और शांति के लिए हम हर कदम पर साथ चलेंगे।”
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आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख
ऑपरेशन सिंदूर के तहत चलाए जा रहे सुरक्षा अभियानों की जानकारी साझा करते हुए, गृहमंत्री अमित शाह ने सभी दलों को भरोसे में लिया और बताया कि कैसे सेना, CRPF और खुफिया एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। इसपर खड़गे ने कहा कि “यह समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सहयोग का है। हमारी प्राथमिकता सिर्फ एक है – आतंकवाद का खात्मा।”
विपक्ष की भूमिका बनी सकारात्मक
खड़गे ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के किसी भी सकारात्मक कदम का समर्थन करेगी, जिससे देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया जा सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को जम्मू-कश्मीर में स्थानीय समुदायों को भरोसे में लेकर शांति बहाल करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने सेना और सुरक्षा बलों के बलिदान को सलाम करते हुए, शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
मीटिंग में उठे ये मुद्दे
बैठक के दौरान विभिन्न दलों ने सुझाव दिए कि खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जाए, सीमावर्ती इलाकों में तकनीकी निगरानी बढ़ाई जाए और देश में फेक न्यूज व भड़काऊ प्रचार पर भी नियंत्रण किया जाए जो आतंकवादी मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। खड़गे ने भी इस पर सहमति जताई और कहा कि सभी दलों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संयम बरतना चाहिए।
संदेश: देश पहले, राजनीति बाद में
इस मीटिंग का सबसे बड़ा संदेश यही था कि जब देश पर संकट हो, तब राजनीति को पीछे रखकर सभी को एकजुट होना चाहिए। खड़गे के इस स्टैंड ने यह साफ कर दिया कि कांग्रेस आतंकवाद जैसे मुद्दों पर किसी भी दल से पीछे नहीं है, और देशहित सर्वोपरि है। उनका यह रुख जनता और राजनीतिक पर्यवेक्षकों के बीच सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।