शरद पवार का भावुक संदेश: संतोष जगदल का बलिदान हमेशा रहेगा यादगार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में महाराष्ट्र के पुणे निवासी संतोष जगदल की जान चली गई, जिसने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया। संतोष अपने परिवार के साथ घाटी में छुट्टियां मनाने गए थे, लेकिन आतंक की इस भयावह घटना का शिकार हो गए। जब उनका पार्थिव शरीर पुणे पहुंचा, तो अंतिम संस्कार में हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने उमड़े।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने संतोष जगदल के निवास पर पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “संतोष जगदल जैसे वीर नागरिकों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज हम सब गहरे शोक में हैं, लेकिन हमें एकजुट होकर इस आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा।”
“सरकार को देना होगा ठोस जवाब”: शरद पवार
शरद पवार ने इस मौके पर केंद्र सरकार से अपील की कि अब समय आ गया है कि आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, “हम केवल संवेदनाएं प्रकट करते रहें, ये काफी नहीं है। अब वक्त है कि आतंकियों और उन्हें शरण देने वालों को कड़ा जवाब दिया जाए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि संतोष जैसे निर्दोष नागरिकों की मौत देश की सुरक्षा नीति पर एक बड़ा सवाल उठाती है। शरद पवार ने कहा कि सरकार को केवल राजनीतिक बयानबाज़ी से ऊपर उठकर ज़मीन पर मजबूत कार्रवाई करनी होगी।
स्थानीय स्तर पर भी शोक की लहर
संतोष जगदल पुणे के एक प्रतिष्ठित परिवार से थे और उनके अचानक इस तरह जाने से पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा, और हर किसी की आंखें नम थीं। पुणे जिला प्रशासन ने उनके परिवार को आर्थिक मदद और सरकारी सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
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आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश
इस आतंकी हमले के बाद कई राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों के जरिए अपना दुख और आक्रोश व्यक्त किया। शरद पवार का यह कदम न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह एक संदेश भी था कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।
उन्होंने अंत में यह भी कहा कि “देश को अब यह ठान लेना होगा कि आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना ही होगा। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय एकता दोनों की आवश्यकता है।”