जीतन राम मांझी का कड़ा बयान: आतंक के खिलाफ चाहिए निर्णायक कदम
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गम और गुस्से से भर दिया है। इस हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की जान गई, जिससे देश के नेताओं में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। इसी कड़ी में हम पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “अब सहनशक्ति की सीमा समाप्त हो गई है। आतंकियों और उनके समर्थन देने वालों को कड़ा संदेश देना जरूरी है।”
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मांझी ने यह भी कहा कि सरकार को केवल बयानों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जमीन पर ठोस और निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आम नागरिक अब बार-बार होने वाले इन हमलों से मानसिक रूप से टूट चुके हैं, और यह समय है कि उन्हें सुरक्षा और भरोसा दिया जाए।
केंद्र सरकार को दी स्पष्ट सलाह
जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि अब “जीरो टॉलरेंस नीति” के तहत काम किया जाए। उन्होंने कहा कि केवल आतंकियों को खत्म करना काफी नहीं, बल्कि उन सभी ताकतों को भी कुचलना जरूरी है जो इन्हें फंडिंग, संरक्षण और समर्थन देती हैं। उन्होंने आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों से लेकर राजनयिक मोर्चों तक पूरी ताकत से काम करने की मांग की।
आतंकवाद पर राजनीतिक एकता की अपील
मांझी ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति ना करें। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी दल हो, सभी को एक सुर में बोलना चाहिए ताकि दुनिया को यह संदेश जाए कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। उन्होंने विपक्षी नेताओं से भी अनुरोध किया कि वे सरकार की आलोचना करने से पहले राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दें।
आम जनता को दिया भरोसा
अपनी प्रतिक्रिया में जीतन राम मांझी ने आम जनता को भरोसा दिलाया कि सरकार अगर इच्छाशक्ति दिखाए, तो आतंकवाद को जड़ से उखाड़ा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देनी चाहिए।
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मांझी ने सरकार से यह मांग भी की कि पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा और सहायता दी जाए, ताकि उनका जीवन दोबारा पटरी पर आ सके।