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Pahalgam Terror Attack के बाद Omar Abdullah पहुँचे ग्राउंड ज़ीरो, हालात का जायज़ा लेने रवाना

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आतंक की स्याह छाया के बीच उमर अब्दुल्ला का ज़मीनी दौरा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की जान गई और दर्जनों घायल हुए। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री Omar Abdullah ने घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए तत्काल ग्राउंड ज़ीरो पर जाने का निर्णय लिया है। वे आज सुबह श्रीनगर से पहलगाम के लिए रवाना हुए।
उनके इस दौरे का मकसद है पीड़ितों से मुलाकात करना, हालात का आकलन करना और प्रशासनिक तैयारियों का जायज़ा लेना।

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राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय मूल्यों की पैरवी

Omar Abdullah ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “यह समय राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है, बल्कि एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़े होने का है।” उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं राज्य की शांति और विकास को बाधित करने का प्रयास हैं और इनका जवाब मिलकर देना होगा। उनके इस बयान को राजनीतिक परिपक्वता का संकेत माना जा रहा है।


स्थानीय लोगों से मुलाकात और विश्वास बहाली का प्रयास

पूर्व मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल प्रशासनिक समीक्षा तक सीमित नहीं है। वे पीड़ितों के परिजनों से मिलकर मानसिक और सामाजिक समर्थन देने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहे हैं ताकि क्षेत्र में भय का माहौल खत्म किया जा सके और आम जनजीवन दोबारा सामान्य हो सके।


आतंकी गतिविधियों पर रोक के लिए ठोस नीति की मांग

Omar Abdullah ने कहा कि सरकार को केवल बयानबाज़ी से आगे बढ़कर व्यवस्थित और निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि आतंक के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए इंटेलिजेंस और फोर्सेस को और मजबूत किया जाए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अब वक़्त है जब कश्मीर नीति में स्पष्टता लाई जाए।


सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, दौरे के मद्देनज़र सुरक्षा कड़ी

Omar Abdullah के दौरे के मद्देनज़र सुरक्षा एजेंसियों ने उच्च सतर्कता बरतते हुए पूरे पहलगाम इलाके को सील कर दिया है। उनकी सुरक्षा के लिए विशेष दस्तों को तैनात किया गया है। उनके साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं, जो मौके पर स्थिति का आकलन कर रहे हैं।

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आम जनता की उम्मीदें: “नेता साथ दें, सियासत नहीं करें”

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के आतंकी हमलों के बाद जरूरी है कि सभी दल एकजुट होकर काम करें। उनका मानना है कि ओमर अब्दुल्ला का दौरा एक सकारात्मक संकेत है, जिससे जनता को लगेगा कि नेता ज़मीन पर आकर उनकी समस्याएं समझने की कोशिश कर रहे हैं।


निष्कर्ष: एकता, साहस और नीति की ज़रूरत

पहलगाम आतंकी हमले के बाद राज्य में चिंता और डर का माहौल है। ऐसे समय में जब ओमर अब्दुल्ला जैसे नेता आगे बढ़कर ग्राउंड से रिपोर्ट लेने और लोगों से मिलने निकलते हैं, तो वह आम लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बनते हैं। अब ज़रूरत है एक सशक्त कश्मीर नीति, मजबूत सुरक्षा उपाय और राजनीतिक एकता की ताकि आतंकवाद को निर्णायक तौर पर हराया जा सके।

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