आतंक पर राजनीति नहीं, एकजुटता होनी चाहिए: असदुद्दीन ओवैसी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना में कई निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। इस पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि “आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय देश को एकजुट होकर इसका जवाब देना चाहिए।”
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ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि इस समय किसी भी पार्टी को इस राष्ट्रीय त्रासदी को राजनीतिक लाभ के रूप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि “देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिरकार सुरक्षा में चूक कहां हुई और क्यों इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए।”
केंद्र सरकार से पूछे सवाल
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, तब इस प्रकार की घटनाएं कैसे हो रही हैं? उन्होंने कहा कि यह समय आत्मचिंतन का है, न कि विपक्ष पर आरोप लगाने का। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार एक निष्पक्ष जांच करवाए और जनता के सामने सच्चाई लाए।
शहीदों को श्रद्धांजलि, परिवारों से संवेदना
ओवैसी ने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “हम केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रह सकते, हमें ऐसी नीतियां बनानी होंगी जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।”
राजनीतिक दलों को दी चेतावनी
ओवैसी ने खासतौर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को चेताते हुए कहा कि “कश्मीर में खून बह रहा है और आप लोग टीवी पर बहसों में व्यस्त हैं। यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और ठोस कार्रवाई का है।” उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे एकजुटता दिखाएं और आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति बनाएं।
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एक्शन की मांग
असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि आतंकी हमले के दोषियों को तुरंत पकड़ कर सख्त सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति तभी लौटेगी जब स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियां और केंद्र सरकार मिलकर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करें।