भावुक माहौल में विदाई, गूंजे नारों में आक्रोश
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए विनय नरवाल की अंतिम यात्रा एक भावुक और गुस्से से भरा दृश्य बन गई। हरियाणा के झज्जर जिले के इस बहादुर जवान को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे। पूरा गांव, देश के इस बेटे को श्रद्धांजलि देने के लिए एकजुट दिखा।
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लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिलों में गुस्सा साफ झलक रहा था। खासकर युवाओं में आक्रोश और जुनून इस बात का संकेत था कि देश अब और आतंक नहीं सहेगा। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान लगातार देशभक्ति के नारे और पाकिस्तान विरोधी आवाज़ें सुनाई देती रहीं।
शहीद को सलाम, परिवार ने दिखाया हौंसला
विनय नरवाल के पिता और परिवार ने गर्व के साथ उनके बलिदान को स्वीकार किया, लेकिन यह भी दोहराया कि सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उनकी मां ने भावुक स्वर में कहा, “मेरा बेटा देश के लिए गया है, पर अब और मांओं की कोख ना सूनी हो।”
परिवार के इस साहसिक और राष्ट्रभक्ति से भरे संदेश ने अंतिम यात्रा में मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर दीं, वहीं उनकी शहादत ने लोगों को एकजुट कर दिया।
जनता का गुस्सा और सरकार से उम्मीदें
गांववालों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान की शह पर पल रहे आतंकवादियों को अब सबक सिखाना जरूरी है। कुछ युवाओं ने खुले शब्दों में कहा कि “केवल निंदा और बयानबाज़ी काफी नहीं है, हमें एक्शन चाहिए।” भीड़ ने यह भी मांग की कि सरकार को सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक या अन्य कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों।
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देश में फिर से उठा राष्ट्रवाद की लहर
विनय नरवाल की शहादत ने न केवल उनके गांव को, बल्कि पूरे देश को एक भावनात्मक झटके में डाल दिया है। इस प्रकार की घटनाएं देश में राष्ट्रवाद और एकजुटता की भावना को मजबूती देती हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, हर जगह लोग शहीदों के सम्मान में एकजुट दिखे और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।