लखनऊ। मिल्कीपुर का घामासान अब बेहद दिलचस्प हो चला है। इस चुनावी युद्ध में दोनों तरफ से वाक युद्ध का मंजर देखने को मिल रहा है। भागवान राम में किसे देंगे अयोध्या में आशीर्वाद जनता किसका निभाएगी, साथ सवाल बरकरार है। क्योंकि सपा और बीजेपी अब चुनावी मैदान में चुनावी खाद-पानी डाल रही है। साम-दाम हर हथकंडा अपनाया जा रहा है।
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वहीं बीजेपी अयोध्या के विकास की बात कर रही है जनता को भविष्य के सुनहरे सपने दिखा रही है। तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ये बता रहे है की आखिर कितना विकास योध्या में हो रहा है। सच्चाई से परदा उठा रहे हैं…….
मिल्कीपुर में सियासी मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच में ही है। ये चुनाव सपा के लिए लिटमस टेस्च की तरह की।जिसमें सपा को साबित करना है की लोकसभा में जीत तुक्का नहीं था, हुक्म का इक्का था। जनता को भ्रमित करके वोट हासिल नहीं किया गया था। बल्कि जनता को सपा पर विश्वास था तो दूसरी तरफ बीजेपी के लिए ये प्रतिष्ठा का सवाल। इसके साथ ही लोकसभा में लगे दाग को मिटाने के लिए चुनावी मैदान में जद्दोजहद की जा रही है। तो वहीं चुनावी संग्राम में जातिगत राजनीति भी की गई है।
अयोध्या की मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा की तरफ से भी प्रत्याशी का ऐलान होने के साथ ही लड़ाई आईने की तरह साफ हो गई है। सपा और भाजपा के बीच ही सीधी लड़ाई होने जा रही है। सपा ने अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी बनाया है। मंगलवार को भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को उतारकर लड़ाई को रोचक बना दिया है।
चंद्रभानु भी अवधेश प्रसाद की ही तरह पासी बिरादरी से आते हैं। ऐसे में मिल्कीपुर का सियासी पारा चढ़ चुका है। भाजपा ने नए चेहरे चंद्रभानु पासवान को टिकट देकर राजनीतिक दलों के साथ ही मिल्कीपुर की गलियों में भी कड़ाके की ठंड में गर्मी ला दी है। चंद्रशेखर आजाद ने भी पासी समुदाय पर ही दांव लगाया है।वही बसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में बसपा का वोट किधर जाता है इस पर भी सभी की नजरें रहेंगी।