ज्ञानव्यापी परिसर पर ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है जिसमें हाईकोर्ट ने 31 जुलाई तक ASI सर्वे को पूरा कराने का आदेश दिया है हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मुस्लिम पक्ष के पास सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ख़टखटाने का रास्ता बचा है लेकिन उससे पहले हाइकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के साथ ही मुस्लिम पक्ष को फटकार भी लगाई कोर्ट ने कहा कि अगर आप कह रहे है कि ASIसर्वे पर आपको भरेसा नहीं है जो कि सारी तकनीकी एडवान्समेंट के साथ किया जाना है तो फिर तो आपको कोर्ट के फैसले पर भरोसा कैसे होगा जिसके बाद मुस्लिम पक्ष के पास कोई दलील नही थी।इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रमोद कुमार का कहना है कि लम्बे समय से इस फैसले को टालने की कोशिश सिर्फ इसलिए की जा रही थी ताकि दूध का दूध और पानी का पानी न हो सके,उनका साफ कहना है कि सर्वे पूरा होने के बाद डाक्यूमेंटड साक्ष्य को नकार पाना नामुमकिन हो जाएगा जिसकी वजह से इस सर्वे को खारिज करने की बात कही जा रही थी वही हिन्दु धर्मगुरू रामदूत दास जी का कहना है कि हिन्दु पक्ष इस फैसले से बहुत खुश है और वो हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते है साथ ही उनका कहना है कि देश सविंधान से चलता है और यदि मुस्लिम पक्ष संविधान को मानता है तो फिर सर्वें को लेकर आपत्ति क्यों उनका कहना है कि दोहरे मापदंड रखकर तो काम नहीम चलेगा।
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इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट में दलीलों के दौरान जांच का विरोध करते हुए वकील एस एफ नकवी ने कहा कि कोर्ट साक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दे सकता लेकिन कोर्ट में ASI अधिकारी को बुलाए जाने के बाद और तमाम तकनीकी मुद्दो पर गौर किए जाने के बाद ये बड़ा फैसला सुनाया है।