झुंझुनूं लोकसभा सीट
पढ़ें :- राजस्थान में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए नया कड़ा कानून, आजीवन कारावास तक सजा का प्रावधान
झुंझुनूं लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. इस सीट पर भाजपा से शुभकरण चौधरी और कांग्रेस से विधायक बृजेंद्र ओला मैदान में उतरे हैं. शेखावाटी में ओला परिवार की राजनीतिक विरासत का अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलता है. आपको बता दे बृजेंद्र ओला के पिता शीशराम ओला इसी सीट से 1996 से 2009 तक लगातार सांसद रह चुके है. इसका फायदा पार्टी को मिल सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें, तो कांग्रेस ने इस लोकसभा क्षेत्र की 8 में से 6 सीटे जीती थीं. दोनों ही प्रत्याशियों ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी अपना दमखम दिखाया था. झुंझुनूं विधानसभा सीट से बृजेंद्र ओला चुनाव जीते थे वहीं शुभकरण चौधरी उदयपुरवाटी से चुनाव हार गए थे.
झुंझुनू संसदीय सीट का गठन झुंझुनू और सीकर जिले के कुछ हिस्सों को मिला कर किया गया है. शेखावटी क्षेत्र में स्थित झुंझुनू राजस्थान के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है. इस इलाके में नहर लाने को लेकर पिछले पांच दशक से राजनीति चली आ रही है. इस राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने हाथ आजमाया है. जाट बाहुल झुंझुनू लोकसभा सीट पर मुस्लिमों की आबादी दूसरे नंबर पर है, वहीं यहां माली मतदाताओं की आबादी भी खासी अच्छी है. झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. इसमें झुंझुनू जिले की 7 सीट-पिलानी, सूरजगढ़, झुंझुनू, मंडावा, नवलगढ़, उदयपुरवाटी और खेतड़ी विधानसभा, वहीं सीकर जिले की फतेहपुर लोकसभा सीट आती है। झुंझुनू लोकसभा सीट पर आजादी के बाद 2014 तक हुए 16 लोकसभा चुनाव में 11 बार कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. जबकि 1 बार स्वतंत्र पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल, 1 बार जनता पार्टी, और 1 बार जनता दल जीत चुकी है.
झुंझुनूं लोकसभा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस के पांव उखाड़ने की लाख कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सकी. हालांकि मोदी लहर में बीजेपी यह सीट जीतने में कामयाब रही थी जिसके बाद अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस को टक्कर दे पाती है या नहीं.