UP MLC Election Results 2023: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद खंड स्नातक की तीन और शिक्षक कोटे की दो सीटों पर 30 जनवरी को हुए मतदान के बाद गुरुवार से जारी काउंटिंग अब अपने अंतिम चरण में है. अब तक आए रुझान और परिणाम में बीजेपी चार सीट जीत चुकी है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने बढ़त बनाई है. बीजेपी ने बरेली-मुरादाबाद सीट पर हैट्रिक लगाते हुए तीसरी बार कब्ज़ा जमाया. बीजेपी के जयपाल सिंह व्यस्त निर्वाचित घोषित किए गए हैं.
पढ़ें :- मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद एक नई उम्मीद... LAC विवाद पर सुलझे सकते है रिश्ते
कानपुर, बरेली औऱ गोरखपुर सीट पर बीजेपी की जीत
उन्नाव-कानपुर स्नातक एमएलसी सीट से बीजेपी के अरुण पाठक को जीत मिली है. वहीं झांसी-इलाहाबाद शिक्षक एमएलसी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बाबूलाल तिवारी को निर्वाचित घोषित किया गया है. गोरखपुर- फैजाबाद स्नातक एमएलसी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र सिंह विजयी घोषित किए गए हैं. कानपुर शिक्षक खंड एमएलसी चुनाव में निर्दलीय राज बहादुर सिंह चंदेल अपने निकटतम प्रतिद्वंदियों से आगे चल रहे हैं.
एमएलसी चुनाव में जीत पर केशव प्रसाद मौर्य ने दी बधाई
एमएलसी चुनाव में जीत पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने लिखा, “शिक्षक और स्नातक MLC चुनाव 2023 में भाजपा प्रत्याशियों को जीत की हार्दिक बधाई,बुद्धिजीवी वर्ग ने 2024 का संदेश दिया. मतदाताओं के प्रति आभार, कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई. हिंदूओं और रामचरितमानस विरोधी, अहंकारी और गुंडागर्दी करने वाली सपा का सफ़ाया. समाप्त वादी पार्टी बनेगी सपा.”
पढ़ें :- झमाझम बारिश ने तोड़ा चार साल का रिकॉर्ड... स्कूल बंद, सड़कें बनीं तालाब, ऑरेंज अलर्ट जारी
शिक्षक और स्नातक MLC चुनाव 2023 में भाजपा प्रत्याशियों को जीत की हार्दिक बधाई,बुद्धिजीवी वर्ग ने 2024 का संदेश दिया!
मतदाताओं के प्रति आभार,कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई!
हिंदूओं और रामचरितमानस विरोधी,अहंकारी और गुंडागर्दी करने वाली सपा का सफ़ाया,
समाप्त वादी पार्टी बनेगी सपा!— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) February 3, 2023
12 फ़रवरी को खत्म हो रहा पांच सदस्यों का कार्यकाल
बता दें कि यूपी विधानपरिषद में स्नातक और शिक्षक कोटे से चयनित पांच सदस्यों का कार्यकाल 12 फरवरी को खत्म हो रहा है. जिसके लिए 30 जनवरी को मतदान हुए थे. 100 सदस्यीय विधानपरिषद में मौजूदा समय में बीजेपी के 81 सदस्य हैं, जबकि सपा के 9 सदस्य हैं. विधान परिषद में विपक्ष की कुर्सी बचाने के लिए सपा को एक साइट की जरूरत है.