नई दिल्ली। आषाढ़ की विनायक चतुर्थी इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है।
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एक माह में दो चतुर्थी व्रत होते हैं, कृष्ण पक्ष में संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी। दोनों में ही गणपति की पूजा होती है, लेकिन संकष्टी में चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं, जबकि विनायक चतुर्थी में चंद्रमा दर्शन वर्जित है।
इस साल आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जून (बुधवार) को दोपहर 03 बजकर 09 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि की समाप्ति 22 जून (गुरुवार) को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर हो रही है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ विनायक चतुर्थी का व्रत 22 जून को रखा जाएगा।
22 जून को आषाढ़ विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ है, जो दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक है। इस पूजा मुहूर्त के दौरान लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक है। इस मुहूर्त में आपको पूजा पाठ करना चाहिए।
विनायक चतुर्थी वाले दिन रवि योग बन रहा है। यह योग शाम को 06 बजकर 01 मिनट से अगले दिन सुबह 04 बजकर 18 मिनट तक है। हालांकि पूजा के समय यह योग नहीं रहेगा।