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राजस्थान की सियासत में क्यों खास है बीकानेर की लोकसभा सीट,जाने सियासी गणित

By Rajasthan Bureau@indiavoice.co.in 

Updated Date

बीकानेर लोकसभा सीट

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बीकानेर में इस बार भी मौजूदा कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को ही अपना प्रत्याशी चुना है. वही दुसरी तरफ कांग्रेस ने उनके सामने राजस्थान सरकार में मंत्री रहे गोविंदराम मेघवाल को चुनावी मैदान में उतारा है, आपको बता दे गोविंदराम मेघवाल खाजूवाला सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में यहां बीजेपी को लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा में से 6 सीटों पर जीत मिली थी. विधानसभा चुनावों के नतीजें देखते हुए कांग्रेस अपने बागी जाट नेताओं को दुबारा से अपने साथ करने में जुटी हुई है. पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है. बीकानेर लोकसभा सीट पर सांसद अर्जुन राम मेघवाल लगातार चौथी बार मैदान में उतर चुके हैं. लंबे समय से इस सीट पर कांग्रेस की बुरी हार हो रही है कांग्रेस की सबसे बड़ी मुश्किल यह भी है कि इस सीट के लिए पार्टी के पास कोई दमदार प्रत्याशी नहीं रहा है. ऐसे में इस सीट पर हर बार बीजेपी को आसानी से जीत मिलती आई है.

बीकानेर लोकसभा सीट पर शुरू से ही राज परिवार का दबदबा रहा है. इस सीट पर 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में महाराजा करणी सिंह निर्दलीय जीते थे. इसके बाद वह लगातार पांच चुनाव बिना किसी पार्टी की शरण में गए निर्दलीय ही जीतते रहे है. उनका आखिरी चुनाव 1971 का था. 1996 के चुनाव में इस सीट पर पहली बार बीजेपी का खाता खुला और महेंद्र सिंह भाटी को जीत मिली थी, हालांकि दो साल बाद एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे बलराम जाखड़ ने बीजेपी का विजय रथ रोक दिया. 1999 के चुनाव में भी कांग्रेस के रामेश्वर लाल डूडी यहां से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. साल 2004 में बीजेपी ने अभिनेता धर्मेंद्र को यहां से उतारा और यह सीट जीत ली थी. लेकिन धर्मेंद्र क्षेत्र में समय नहीं दे पाते थे, इसलिए बीजेपी ने 2009 में प्रत्याशी बदलकर अर्जुन राम मेघवाल को मौका दिया, उसी समय से अर्जुन राम मेघवाल यहां से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं.

विधानसभा सीटों वाले इस लोकसभा क्षेत्र में श्रीगंगानगर जिले की एक विधानसभा सीट अनूपगढ़ लगती है, वहीं बाकी खाजुवाला, बीकानेर पश्चिम, बीकानेर पूर्व, कोलायत, लूनकरसर, डूंगरगढ़ और नोखा बीकानेर जिले की हैं, फिलहाल अनूपगढ़ और नोखा विधानसभा सीट कांग्रेस के पास हैं, वहीं बाकी की सभी छह सीटें बीजेपी के पास हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस को इस सीट पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, तो अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस इस बार इस सीट पर कुछ कमाल कर पाती है या नहीं.

 

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