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कर्नाटक सरकार के खिलाफ बीजेपी का हल्ला बोल, सड़कों पर उतरे पार्टी कार्यकर्ता

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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी का आक्रामक प्रदर्शन, जनविरोधी नीतियों का लगाया आरोप

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कर्नाटक की सियासत इन दिनों गरमा गई है। राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मोर्चा खोलते हुए पूरे राज्य में जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी बेंगलुरु से लेकर मैसूर, बेल्लारी, हुबली तक बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार, प्रशासनिक कुप्रबंधन और जनविरोधी फैसलों में लिप्त है, जिससे राज्य की जनता परेशान है।


प्रदर्शन की मुख्य वजहें

BJP नेताओं ने सरकार पर कई अहम मुद्दों को लेकर निशाना साधा:

इन सभी मुद्दों पर BJP ने कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की और दावा किया कि जनता के हितों की अनदेखी की जा रही है।


बेंगलुरु में बड़ा प्रदर्शन

बेंगलुरु में हुए प्रदर्शन में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा:

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“यह सरकार पूरी तरह असंवेदनशील हो चुकी है। जनता महंगाई, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से परेशान है। हम हर ज़िले में जनजागरण करेंगे।”

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और झंडे लेकर नारेबाज़ी की – “भ्रष्टाचार बंद करो”, “जनता को हक दो”, “कांग्रेस सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारों से सड़कों पर गूंज सुनाई दी।


किसान और युवा मुद्दे बने केंद्र

बीजेपी ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। सूखा राहत, फसल बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए। साथ ही, बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों को लेकर भी सरकार की नीतियों की आलोचना की गई।

युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि नई पीढ़ी को न तो शिक्षा में बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं और न ही रोजगार के अवसर।


पुलिस तैनाती और सुरक्षा इंतजाम

कई स्थानों पर प्रदर्शन उग्र रूप लेता इससे पहले पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए। कुछ क्षेत्रों में धारा 144 भी लागू की गई थी, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की बड़ी झड़प की सूचना नहीं मिली।


कांग्रेस सरकार का जवाब

कांग्रेस सरकार ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह प्रदर्शन सिर्फ राजनीतिक दिखावा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा:

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“हमने जनता के लिए योजनाएं चलाई हैं, बजट में किसानों और गरीबों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। बीजेपी को पहले अपनी विफलताओं का आत्मचिंतन करना चाहिए।”


आगामी चुनाव से पहले माहौल गरम

यह प्रदर्शन ऐसे समय पर हुआ है जब कर्नाटक में स्थानीय निकाय चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में यह प्रदर्शन बीजेपी की जनसंपर्क और जनआंदोलन रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी सरकार की नीतियों को मुद्दा बनाकर जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।


निष्कर्ष

बीजेपी का यह विरोध प्रदर्शन कर्नाटक की सियासत में हलचल पैदा कर रहा है। जहां एक ओर कांग्रेस सरकार अपने कामकाज पर संतुष्ट नजर आती है, वहीं विपक्षी दल बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश में जुटी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आंदोलन क्या कोई बड़ा राजनीतिक बदलाव लाता है या महज एक विरोध प्रदर्शन बनकर रह जाता है।

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