हर की पैड़ी पर अजगर की दस्तक से मचा हड़कंप, वन विभाग ने किया रेस्क्यू
हरिद्वार के हर की पैड़ी, जहां रोज़ हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते हैं, वहां आज एक अजीब और डरावनी घटना देखने को मिली। भीड़भाड़ वाले इस इलाके में उस समय भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जब एक विशाल अजगर (Python) अचानक एक प्रसाद की दुकान में घुस आया। दुकानदारों और आस-पास मौजूद श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल बन गया। कई लोगों ने तुरंत स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को इसकी सूचना दी।
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घटना के तुरंत बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद अजगर को सुरक्षित रूप से पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन घटना ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया कि आबादी वाले क्षेत्रों में जंगली जीवों की बढ़ती आवाजाही को कैसे रोका जाए।
कैसे घुसा अजगर दुकान में?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 10 बजे एक दुकान के पीछे से अचानक सरसराहट की आवाज़ आई। जब दुकान मालिक ने देखा तो एक करीब 10 फीट लंबा अजगर दुकान में धीरे-धीरे रेंगता हुआ अंदर आ रहा था। पहले तो लोगों ने यकीन नहीं किया, लेकिन जैसे ही उन्होंने अजगर की पूरी झलक देखी, हड़कंप मच गया। कुछ श्रद्धालु डर के मारे भाग खड़े हुए तो कुछ ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
वन विभाग की तत्परता से टला बड़ा हादसा
वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर विशेष उपकरणों और सुरक्षा उपायों के साथ अजगर को पकड़ने का काम शुरू किया। करीब 45 मिनट तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अजगर को बिना किसी हानि के सुरक्षित तरीके से पकड़ा गया और बाद में राजाजी टाइगर रिजर्व के पास एक सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया। विभाग ने बताया कि हाल ही में हुई बारिश के कारण अजगर जैसे जीव आश्रय और भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों की ओर आ रहे हैं।
लोगों की चिंता और प्रशासन का जवाब
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने प्रशासन से सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि यह घटना श्रद्धालुओं की संख्या को प्रभावित कर सकती है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं प्रशासन का कहना है कि वन क्षेत्र से सटे इलाकों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएंगे।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
हरिद्वार जैसे धार्मिक शहर में इस तरह की घटना ने सोशल मीडिया पर भी खासा ध्यान खींचा है। लोग जहां वन विभाग की तत्परता की सराहना कर रहे हैं, वहीं पर्यावरणविद इसे प्राकृतिक आवासों के खत्म होने का नतीजा मान रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक जंगलों और जीवों के प्राकृतिक आवास सुरक्षित नहीं रहेंगे, इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आती रहेंगी।