हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बीते मंगलवार की शाम शहर के बीचो-बीच एक अधिवक्ता की घर में घुसकर 2 युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सरेशाम हुई इस वारदात के बाद पूरे जनपद में हड़कंप मच गया था। पुलिस ने घटनाक्रम में कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और सर्विलांस, कांबिंग और मैन्युअल इन्वेस्टिगेशन के सहारे मामले के खुलासे में लगी रही।
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जिसके बाद बीती रात गुरुवार को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद घटना को अंजाम देने वाले एक शूटर नीरज को गिरफ्तार कर लिया। नीरज झरोईया गांव का निवासी है।
वही एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की घर में घुसकर हत्या किए जाने के बाद पुलिस की कई टीमें जांच में जुटी थीं। सर्विलांस के जरिए कई नंबर, सीडीआर आदि निकलवाए गए और मैन्युअल इन्वेस्टिगेशन और सीसीटीवी के आधार पर तफ्तीश की जा रही थी। चेकिंग के दौरान नीरज नाम का व्यक्ति भागने का प्रयास कर रहा था। पुलिस ने जब उसे पकड़ने का प्रयास किया, तो उसने फायरिंग कर दी। पुलिस की गोली नीरज के बाएं पैर में लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी उन शूटरों में से एक है और बाकी आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना को अंजाम देने का कारण
कनिष्क मेहरोत्रा पिछले 40 साल से लखनऊ रोड पर सिनेमा चौराहे के पास स्थित एक मकान में किराए पर रह रहे थे। इस मकान को लगभग एक दशक पहले 6 लोगों ने खरीदा था, इनमें सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष बीरेंद्र यादव बीरे, नृपेंद्र त्रिपाठी, शिखर गुप्ता आदि शामिल हैं। मकान में रहने वाले ज्यादातर किराएदारों ने आपसी समझौता कर मकान छोड़ दिया था, लेकिन कनिष्क मेहरोत्रा ने मकान नहीं छोड़ा।
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मकान खरीदने वाले लोग वहां एक बड़ा कॉमर्शियल वेंचर शुरू करना चाहते थे और इसलिए अधिवक्ता से कई बार बातचीत के जरिए मकान खाली कराने की बात की। इसके बावजूद बात नहीं बनी।
माना जा रहा है कि इसी विवाद के चलते कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या की गई। पुलिस की जांच में पता चला कि कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या सुनियोजित ढंग से कराई गई थी और इसके लिए सुपारी दी गई थी। घटना को अंजाम देने वाले शूटर भी स्थानीय झरोइया का रहने वाला है।