नेपाल की राजधानी काठमांडू मानो युवा क्रांति की राजधानी बन चुकी है। जब विद्रोह का स्वर एक सत्ताधारी तंत्र तक पहुंचा, तो रास्ते हिंसा से गुलज़ार हो गए—संसद, घरों, मीडिया कार्यालयों पर आग, 19 लोगों की जान ले लेने वाला पुलिस तलवार, और सेना की तैनाती इस राजनीति की तस्वीर को चिह्नित करती है।
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नेपाल की राजधानी काठमांडू मानो युवा क्रांति की राजधानी बन चुकी है। जब विद्रोह का स्वर एक सत्ताधारी तंत्र तक पहुंचा, तो रास्ते हिंसा से गुलज़ार हो गए—संसद, घरों, मीडिया कार्यालयों पर आग, 19 लोगों की जान ले लेने वाला पुलिस तलवार, और सेना की तैनाती इस राजनीति की तस्वीर को चिह्नित करती है।
नेपाल आर्मी को पहली बार तक़रीबन दशकों में राजधानी में तैनात होना पड़ा: जब आंदोलन ने सत्ता की चौखटों को चुनौता किया। सैनिकों ने सड़कें पैदल जाँच की, उन्मुक्त घटनाओं को रोका, कर्फ्यू लगाया, और विध्वंसकारी झुंझावनों को गिरफ्तार किया। सेना ने स्पष्ट संदेश भेजा कि “हम व्यवस्था बनाए रखने आए हैं” लेकिन सवाल है क्या यह वासी अनुपस्थित राजनीतिक व्यवस्था की संकेत है?
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने देश की युवा क्रांति और व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के बीच इस्तीफ़ा दे दिया। उनका यह कदम जनता की ताक़त का आईना बन गया : लेकिन क्या सिर्फ़ बदलाव की शुरुआत है या फिर सत्ता के थियेटर में नई विरासत है?
राजधानी के मेयर, Balendra Shah (Balen Shah) एक पूर्व रैपर एवं इंजीनियर ने युवा वर्ग को एक नई दिशा दी है। वे #BalenForPM जैसे ट्रेंड्स की जड़ बन चुके हैं। उन्हें Gen Z आंदोलन का सांकेतिक चेहरा माना जा रहा है, जहाँ युवा “नेपो किड्स” से थक चुके हैं और चाहते हैं एक ऐसा नेता जो ज़मीन से होकर पहुंचे।
Care-taker Government: राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अस्थाई सरकार बनाने की दिशा निर्देशित की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सेना की नीति हालतः फिलहाल सेना संरक्षा कर रही है; लेकिन क्या वह राजनीतिक भूमिका से दूर रहेगी?
Balen Shah की लोकप्रियता: अगर जनता की उम्मीद बनी रहे, तो अगली राजनीतिक कहानी में उनका नाम केंद्रीय भूमिका में हो सकता है।
नेपाल अब केवल सड़कों की लड़ाई नहीं देख रहा, यह युवा चेतना, लोकतंत्र की जागृति और सामाजिक बदलाव की कहानी है।
अगले सवाल खुल कर हवा में है:
नेपाल एक नया मोड़ पर खड़ा है, और यह मोड़ ज़िंदगी बदलने की दिशा में है।