Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. अरविंद केजरीवाल ने दी सफाई- मेरी सबसे बड़ी संपत्ति मेरी ईमानदारी है, भाजपा मुझे बदनाम कर रही

अरविंद केजरीवाल ने दी सफाई- मेरी सबसे बड़ी संपत्ति मेरी ईमानदारी है, भाजपा मुझे बदनाम कर रही

By Rakesh 

Updated Date

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन के पीछे की छिपी भाजपा की साजिश पर बुधवार को बड़ा खुलासा किया। सीएम ने कहा कि मेरी सबसे बड़ी संपत्ति और ताकत मेरी ईमानदारी है। मैं हमेशा देश के लिए लड़ा हूं। मेरी एक-एक सांस, खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है।

पढ़ें :- दिल्ली चुनाव परिणामों का विश्लेषण: बड़े सबक और राजनीतिक प्रभाव:

कहा कि ये लोग झूठे आरोप लगाकर और फर्जी समन भेजकर मुझे बदनाम और मेरी ईमानदारी पर चोट करना चाहते हैं। इस फर्जी केस में इन्होंने आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को जेल में रखा हुआ है और अब मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं।

DELHI CM ने कहा- समन को लेकर ईडी से मांगा जवाब तो नहीं मिला कोई उत्तर

उन्होंने कहा कि मैंने समन को लेकर विस्तार से ईडी से जवाब मांगा है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसका मतलब ये है कि वो भी मानते हैं कि उनका समन ग़ैर क़ानूनी है। सच्चाई ये है कि भाजपा का मकसद पूछताछ करना है ही नहीं, बल्कि वो गिरफ्तार कराकर मुझे लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना चाहती है। मैं जी-जान से इनके खिलाफ लड़ रहा हूं, इस लड़ाई में देशवासियों का साथ चाहिए।

एक भी पैसे की हेरा-फेरी नहीं होने का किया दावा

पढ़ें :- दिल्ली में ‘यमुना जहर’ विवाद: राजनीति, चुनावी चालें और सच्चाई की पड़ताल

ईडी द्वारा बार-बार भेजे जा रहे समन को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को डिजिटल प्रेसवार्ता कर देशवासियों के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से तथाकथित शराब घोटाला का शब्द आप सबने कई बार सुना होगा। दो साल से भाजपा की सारी एजेंसियां कई बार रेड मार चुकी हैं और कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक कहीं से एक भी पैसे का हेर-फेर नहीं मिला।

कहा कि अगर वास्तव में भ्रष्टाचार हुआ है तो करोड़ों रुपए कहां गए ? क्या सारा पैसा हवा में गायब हो गया। सच्चाई यह है कि किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार हुआ ही नहीं है। भाजपा का मकसद तो मुझे लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना है। उन्होंने ठीक लोकसभा चुनाव के पहले मुझे क्यों समन भेजा है ? जबकि इस जांच को चलते हुए दो साल हो चुके हैं।

Advertisement